छत्तीसगढ़। एक रंग और एक लय में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबीं जब 25 महिलाओं का कारवां कलश अपने सिर पर लेकर निकला तो किसी को इसका अंदाजा नहीं था कि वे विश्व रिकार्ड बनाने की ओर हैं। उनके विशाल समूह का विडियो देश-विदेश में जमकर वायरल हो रहा है। सभी महिलाएं पीली साड़ी और एक साथ चल रही थी। ये अद्भूत नजारा (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना नगर का था। यहां श्रीमद भागवत के आयोजन के दौरान यह कलश यात्रा निकाली गई थी। यात्रा खत्म होने से पहले ही २ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। इस कार्यक्रम के दावों को जानने के लिए (golden book of world records) गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया प्रमुख भी यहां पहुंचे। उन्होंने देखा कि ये कलश यात्रा वर्ल्ड रिकॉर्ड की सभी शर्तों को पूरा कर रहा है या नहीं।
इस आयोजन में एक साथ एक रंग की साड़ी में महिलाएं २५ हजार कलश लेकर निकलीं। इस भव्य नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने अपने घर की छतों और ऊंची इमारतों पर चढ़कर मोबाइल से इसका वीडियो बना लिया। कलश यात्रा खत्म होने के बाद इसके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की घोषणा की गई। यह धार्मिक आयोजन महासमुंद जिले के बसना में हो रहा है। इसमें सर्व समाज के लोग सहयोग कर रहे हैं। यहां सोमवार से श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई। इसके एक दिन पहले राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबी जनता ने ये यात्रा निकाली। इस दिन यहां धर्म और समाज के लिए काम कर रही नीलांचल सेवा समिति का स्थापना दिवस भी था।
इस यात्रा के पहले लाइन में ५१ भजन कीर्तन मंडली रही, जो कृष्ण भजनों से लगातार लोगों को मनमोहित करती गई। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की कई झांकियां रहीं। दूसरी पंक्ति में कार्यक्रम के आयोजक और हजारों महिलाओं का समूह रहा। ये महिलाएं ओडिशी संस्कृति में खुशी के साथ हुलहुली के भगवान राधा-कृष्ण की जय-जयकार के नारों के साथ शहर की सड़कों पर निकले। इस पूरी यात्रा में शहर के साहू, सिख, सतनामी, ब्राह्मण, अग्रवाल, मरार जैसे कई समाजों ने स्वागत में फूल बरसाए और पूजा की।
कलश यात्रा ने विश्व स्तर पर दो रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। पहला रिकॉर्ड एक साथ इतनी सारी महिलाओं के सिर पर कलश धारण कर यात्रा करना। दूसरा रिकॉर्ड किसी धार्मिक आयोजन में एक साथ एक ही रंग की साड़ी पहनकर शामिल होना। २५ हजार की संख्या में महिलाओं ने पीली साड़ी पहनी।
एशिया प्रमुख डॉ. मनीष बिश्नोई ने वर्ल्ड रिकॉर्ड की गोल्डन बुक में नीलांचल सेवा समिति द्वारा बसना छग भारत से विश्व रिकॉर्ड ‘सबसे बड़ी कलश यात्रा’ में २५ हजार से ज्यादा की संख्या में महिलाओं को अपने सिर पर पवित्र कलश लेकर यात्रा करने और एक जैसी पोशाक पहनने वाली सबसे ज्यादा महिलाओं’ का विश्व रिकॉर्ड बनने की घोषणा करते ही वहां मौजूद हजारों लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। महिलाओं ने हुलहुली पुरुषों ने ताली की गड़गड़ाहट एवं राधे-राधे की जयघोष से पूरा बसना शहर गूंज उठा।
बसना क्षेत्र की जनता शहर के हाई स्कूल मैदान में सोमवार सुबह १०.३० बजे इकट्ठा हुए। जहां पर भागवत कथा वाचक पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज भी पहुंचे। साथ नीलांचल सेवा समिति के डॉ. संपत अग्रवाल और उनकी पत्नी सरोज अग्रवाल ने यात्रा की अगुवाई की। उन्होंने सिर पर भागवत पुराण और कलश रखा हुआ था। जिसके बाद यात्रा शहीद वीर नारायण सिंह चौक होते हुए भागवत कथा के आयोजन स्थल दशहरा मैदान में पहुंची।