छत्तीसगढ़। कांग्रेस (Congress) के चुनावी घोषणा पत्र में एक प्रमुख मुद्दा था, शराबबंदी लेकिन सरकार का कार्यकाल बीतने के कगार पर है। बावजूद अभी तक प्रदेश में शराबबंदी (prohibition) नहीं हो पाई है। बहरहाल, इसके लिए राजनीतिक कमेटी बनाई गई है। जो विभिन्न राज्यों का दौरा कर शरबाबंदी का अध्ययन करने में जुटी है।
मीडिया से चर्चा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, अगर हम लोग शराबबंदी कर भी देते हैं, तो अन्य राज्यों से ब्लैक में यहां शराब बिकने लगेगी। जैसा की उन राज्यों के हालात है, जहां शराबबंदी है। ऐसे में उन्होंने सुझाव दिया है कि शराब सिर्फ छत्तीसगढ़ में नहीं, पूरे देश में होनी चाहिए। इस सामाजिक बुराई को दूर करने का यही एक मात्र उपाय है।
कमेटी के अध्यक्ष विधायक सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि शराब पर प्रतिबंध लगा भी दी जाए तो वह ब्लैक में आने लगेगी। उसे कैसे रोका जाएगा। जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां अवैध शराब का निर्माण हो रहा है। जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं। ऐसे में शराब का समाधान एक ही है कि लोग अपने स्वेच्छा से छोड़ें। इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए।
शराब एक सामाजिक बुराई है। इससे अलग तरीके से लड़ना पड़ेगा। इसका निदान मात्र एक ही है जनजागरण। लोगों में जागृति पैदा करें कि वे इस बुराई से तौबा कर लें। इसके लिए हमें काम करना होगा। ऐसी व्यवस्थाओं को कानून या दबाव से नहीं किया जा सकता। पूरे देश में पांच राज्यों में शराबबंदी है, गुजरात, बिहार, लक्ष्यदीप, नागालैंड और मिजोरम। शराबबंदी तभी सफल हो सकती है जब पूरे देश के सभी राज्यों में एक साथ लागू हो।
ताकि शराब की अवैध सप्लाई रूक सके। शराबबंदी हो भी जाए तो अवैध शराब की सप्लाई के लिए कौन जिम्मेदार होगा। उसे कैसे रोका जा सकता है। स्मगलिंग करने वाले कहीं से भी रास्ता निकाल लेंगे। उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा कहीं से शराब की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
अवैध शराब जहरीली भी हाे सकती है। ऐसी शराब पीकर पंजाब, हरियाणा, गुजरात, बिहार में कितने लोग मर गए। इसलिए लोगों के जान की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है। हम लोग अध्ययन कर रहे हैं, जो रिपोर्ट होगी उसे सरकार को प्रस्तुत करेंगे।