छत्तीसगढ़ (भोजेंद्र वर्मा)। आज विधानसभा के सामने SCST वर्ग (SCST Square in Front of Vidhansabha) के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन (Nude Show) किया। इस प्रदर्शन से शासन में हड़कंप मचा हुआ है। फर्जी जाति मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवा प्रदर्शन कर रहे है। प्रशासन और पुलिस के जवानों ने इन्हें बड़ी मशक्कत से पकड़ा।
इन दिनों फर्जी जाति का मामला गर्माया हुआ है। बता दे, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायते मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे है। इस मामले की गम्भीरता देखते हुए राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी जिसके रिर्पोट के आधार पर समान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हे बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।
युवाओं का आरोप है आदेश खानापूर्ति ही साबित हुए सरकारी आदेश कों पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट कों न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग है. जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाए दे रहे है। इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और बिते पिछले दिनों वे आमरण अनशन पर बैठ गए, प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी के तबियत बिगड़ गई लेकिन सरकार और प्रशासन का रवैया उदासिन रहा जिसके बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन कों स्थगित कर आगामी होने वाले मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने जा रहे है।
दरसअल फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यवाही से खुश रहने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवा अब सरकार से नाराज है, मसलन जिस फर्जी जाति प्रकरणों की जाचं सरकार ने करवाई उसमें पाये गए दोषियों के खिलाफ सरकारी फरमान के बावजूद तीन वर्ष बाद भी कार्यवाही नहीं की गई वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को महत्वपूर्ण पदों में व प्रमोशन दिया जा रहा है।
इससे अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के युवा आंदोलित हो गए है, आंदोलन के नेतृत्वकर्ता विनय कौशल ने बताया उन्होंने इससे पूर्व जिम्मेदार अधिकारियों से बात की थी, उन्होने उपर से दबाव होने की बात कही, हमने कार्यवाही न करने पर आंदोनल की चेतावनी दी और हमने 16 मई कों आमरण अनशन किया था, 10 दिनों तक भूखे रहकर आंदोलन किया हमारे आंदोलनकारी युवा साथी एक-एक कर गम्भिर हालातो में अस्पताल भर्ती कराये गए लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से इस मामले में उदासिन रवैया रहा, हमने आमरण अंनशन कों स्थगित कर दिया लेकिन हम अपने हक और अधिकार के लि किसी भी हद तक जा सकते है हम अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते इसलिए हम अपनी इज्जत खोकर पूर्ण रूप से निर्वस्त्र होकर सरकार कों नींद से जगाने का काम करेंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के शिकायतों की जांच करने उच्च स्तरीय जाति छानबींन समिति का गठन किया। समिति को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के कुल 758 प्रकरण मिले जिसमें से 659 प्रकरणों में जांच की गई इसमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए।
छत्तीसगढ़ के लगभग सभी सरकारी विभागो में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण पाये गए है। इसमें सबसे अधिक खेल एवं युवा कल्याण विभाग में 44 मामले है वहीं भिलाई स्पात संयंत्र में 18 तथा सामान्य प्रशासन विभाग एवं कृषि विभाग में 14-14 प्रकरण है। इस तरह प्रत्येक विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले है। जिसकी जांच पूरी होने एवं कार्यवाही के सरकारी आदेश के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
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