छत्तीसगगढ़। (Shabnam khan) जीवन की धारा कब बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता, आस्था और भक्ति का भाव जब जागते हैं!, तो ईश्वर का अहसास कराते हैं। फिर क्या उनकी भक्ति में रमा मन उनसे फिर नहीं हटता। कुछ ऐसी ही कहानी बालोद (Balod) जिले की शबनम खान की है। जिन्होंने सनातन धर्म से प्रभावित होकर हिंदू धर्म को ही अपना लिया। इतना ही नहीं अपने पति संग आज महाशिवरात्रि पर भोले भंडारी शिव की आराधना और दर्शन-पूजन भी किया। बताते हैं, वे शहर के पांडे पारा की निवासी हैं। इन्हें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हिंदू धर्म में प्रवेश कराया।
शबनम ने बताया कि मैं सनातन संस्कृति से काफी प्रभावित हूं, इसलिए हिंदू धर्म अपना रही हूं। मेरे पति का नाम मनोज गौर है, तो मैं अपने मुस्लिम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म में प्रवेश कर रही हूं। उन्होंने कहा कि वे अपने पति के साथ उनके धर्म में रहकर जीवनयापन करना चाहती हैं। हिंदू धर्म अपनाने के बाद शबनम खान का नाम रानी गौर हो गया है। उन्होंने अपना नामकरण स्वयं ही किया है। उन्होंने कहा कि मैं सनातन संस्कृति की रक्षा के अभियान में आगे आना चाहती हूं। इसके लिए मुझसे जो भी हो सकेगा, मैं करूंगी।
शबनम ने बताया कि आज मैं विधि-विधान से हिंदू धर्म में प्रवेश कर रही हूं। उन्होंने महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने मंदिर पहुंचकर दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने बताया कि वह काफी समय से हिंदू धर्म को मानती आ रही हैं और उन्होंने पशुपतिनाथ का व्रत भी रखा था।
शबनम ने कहा कि वे चाहती हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र बने। हम सबको इसकी शपथ लेनी चाहिए कि हम इसे हिंदू राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति ही सबसे पुरानी संस्कृति है और इसी से ही देश का भला हो सकता है। उन्होंने हिंदू धर्म के लोगों को यह संदेश दिया कि आप सनातन संस्कृति से ही जुड़े रहें। किसी और धर्म में अपना परिवर्तन ना करें। इससे बेहतर धर्म कुछ नहीं हो सकता।