‘श्रीवास’ ने उड़ाए ‘भ्रष्टाचारी’ परिंदें, 30 करोड़ के ‘मोटे’ दाने पर ‘गड़ी’ थी नजर!

केंद्र की प्रधानमंत्री सुपोषण योजना (Prime Minister Nutrition Scheme) के अलावा मिलेट्स से बने (यानी मोटा अनाज) से बने भोजन अब स्कूलों में मध्याह्न भोजन के तहत दिया जाना है।

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  • Updated On - April 20, 2023 / 08:58 PM IST

छत्तीसगढ़। केंद्र की प्रधानमंत्री सुपोषण योजना (Prime Minister Nutrition Scheme) के अलावा मिलेट्स से बने (यानी मोटा अनाज) से बने भोजन अब स्कूलों में मध्याह्न भोजन के तहत दिया जाना है। लेकिन शिक्षण सत्र के आखिरी में स्कूल शिक्षा विभाग को इसकी याद आई। प्रदेश के 12 जिलों में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शुरू हाेने वाली इस योजना में भारी चूक और भ्रष्टाचार की सुगबुहाट मिली है। वह भी इनकी कार्यशैली और आनन-फानन बनाए बजट से। ऐसे में बीजेपी के प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) ने स्कूल विभाग के पत्रावलियाें के जरिए 30 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त की है। गौरशंकर श्रीवास को जब भ्रष्टाचार के सबूत उनके हाथ लगे तो उन्होंने आज एसीबी और मुख्य सचिव से पूरे मामले की शिकायत की है। नीचे उनके द्वारा की शिकायत की प्रति पढ़ें। ऐसे में अब जाहिर है मिलेट मील में भ्रष्टाचार रुक जाएगा। इनके इस कदम से कम से कम अब ‘भ्रष्टाचारी परिंदें’ 30 करोड़ के मोटे अनाज नहीं चुग पाएंगे। बताते हैं, मिलेट्स खाद्य पदार्थ वितरित करने के लिए फ्लेक्सी मद के अंतर्गत 30 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसे 30 अप्रैल तक किसी भी हालत में खर्च करने की प्लानिंग है। श्रीवास सवाल खड़े करते हैं कि विभाग जिस गति से योजना पर काम कर रहा है, उससे प्रतीत होता है कि बच्चों को पोषण आहार मिल भी पाएगा की नहीं।

अब तक प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को क्रमश: 20 ग्राम और 30 ग्राम सोया चिकी का वितरण किया जाता है। इसका वितरण छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से होता था। लेकिन अब शासन के निर्णय के अनुसार मिलेट्स आधारित खाद्य सामग्री बच्चों को दी जाएगी। इसका वितरण 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन किया जाएगा। इसके लिए शासन ने फ्लेक्सी मद के अंतर्गत 30 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। उक्त राशि से मिलेटस आधारित खाद्य सामग्री प्रदान करने को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने लोक शिक्षण संचालक को 10 मार्च को पत्र लिखा है।

इन जिलों में वितरित किए जाएंगे मिलेट्स के खाद्य पदार्थ

पूर्व में मिलेट्स आधारित खाद्य आधारित सामग्री देने के लिए 7 जिलों दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़ और बलौदाबाजार का चयन किया गया था। बाद में इसमें बस्तर संभाग के 5 जिलों नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा और कांकेर को भी शामिल किया गया है।

शिक्षा विभाग के निर्देश भी समझें

बाजार में उपलब्ध रेडिमेड खाद्य सामग्री नहीं खरीदी जाएगी। उक्त राशि को आहरित कर जिला शिक्षा अधिकारी के खाते में नहीं रखा जाना है। सामग्री आपूर्ति के पूर्व प्रदायकर्ता एजेंसी को अग्रिम भुगतान नहीं किया जाना है। मिलेट्स की मात्रा के लिए पूर्व वर्षों में दी गई मात्रा को आधार बनाया जा सकता है।

गौरीशंकर श्रीवास ने उठाया मुद्दा और दागे सवाल

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा, अगर FDA के मापदण्डो के अनुरूप मिलेट्स के उत्पाद तैयार नहीं किये गए ? अगर जल्दबाजी में यदि मिलेट्स उत्पाद से बच्चों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर पड़ेगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? जितनी जल्दी बच्चों को भूख नहीं लगती उन बच्चों से ज्यादा बजट खर्च करने की हड़बड़ी में प्रदेश के आला अफसर हैं। शायद इसलिए भी केंद के निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रधानमंत्री पोषण योजना का लाभ देनें में विलंब किया गया और फिर मिलेट्स की खरीद, उपलब्धता, वितरण के अलावा क्या निर्माता FSSAI के नियमो का पालन करेंगे? वही FDA के मापदण्डो के अनुरूप क्या मिलेट्स के उत्पाद समय में तैयार हो पाएंगे ? फिर गर्मी की छुट्टियां लगने के बाद इस मिलेट्स का लाभ बच्चों से ज्यादा अधिकारी-ठेकेदार सप्लायर उठाएंगे ऐसा लगता है। गौरीशंकर श्रीवास ने इस पूरे खेल की पत्रवालियों के आधार पर खुलासा किया है। उन्होंने कहा, किसी भी हालत में भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए आंदोलन ही क्याें न करना पड़े।

सुलगते सवाल

0 पीएम पोषण योजना के तहत बजट, वार्षिक कार्य योजना बनने के बाद क्यों विलंब हुआ

0 PAB की ऑनलाइन मीटिंग में राज्य सरकार के जो अधिकारी थे उनकी भूमिका क्या थी

0 स्कूली बच्चों के पौष्टिक आहार और उन्हें भूखा रखने की चूक का जिम्मेदार विभाग कौन

0 केंद्र की सहमति से 12 जिलों में मिलेट्स

0 क्या केंद्र की राशि को नियमानुसार खरीद और समय पर बच्चों को मिलेट्स दिया जा रहा है

0 जब स्व-सहायता समूह और वन विभाग से मिलेटस लेना था तो सी-मार्ट की आड़ क्यों ली गई

0 जिस व्यापारी के जरिये योजना का पैसा खर्च कर रहे क्या उसके पास लाइसेंस व उत्पादकता है

0 क्या शिक्षा विभाग 12 जिलों में 30 अप्रेल तक 30 करोड़ रु.का मिलेट्स फूड में खर्च कर लेगा

0 बच्चों को सप्ताह में 4 रोज वह भी मध्यान्ह भोजन से पहले या बाद में मिलेट्स फ़ूड दे पायेगा

0 प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत मिले फ्लेक्सी मद की राशि 30 करोड़ रु. के निर्देशों की अनदेखी की गई 

0 स्कूलो में ग्रीष्म कालीन छुट्टी में छात्रों को कैसे वितरण किया जाएगा

0 क्या निर्माता FSSAI के नियमो का पालन करेंगे

0 FDA के मापदण्डो के अनुरूप क्या मिलेट्स के उत्पाद तैयार होंगे

0 यदि मिलेट्स उत्पाद से बच्चों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर पड़ेगा तो जिम्मेदार कौन होगा

श्रीवास ने एसीबी और मुख्य सचिव से पूरे मामले की शिकायत की