छत्तीसगढ़। (Vande Bharat Express) वंदेभारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये है कि डेढ़ महीने में ये पांचवी बार है जब कोच पर पत्थरबाजी (stone pelting) की घटना सामने आई है। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि स्थानीय पुलिस और आरपीएफ के बीच समन्वय ही स्थापित नहीं हो सका है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल भी उठने लगे हैं। अगर यही हालात रहे तो वंदेभारत एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए हिचकेंगे।
इधर, आरपीएफ के जवानों ने कुछ युवाओं को पकड़ा था लेकिन उन्हें समझाइश देने के बाद छोड़ देने की बात भी सामने आ रही है। लेकिन कानूनी कार्रवाई में आखिरकार क्यों पीछे हो गए। जबकि रेलवे सुरक्षा अधिनियम के तहत तमाम धाराएं हैं। जैसे रेलवे की संपत्ति को क्षति पहुंचाने जैसे भी कानून है। यही कारण भी है कि इन घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। लोगों का कहना है कि जब तक कड़ी कार्रवाई आराजकतत्वों के खिलाफ नहीं होगी, तब तक यह घटनाएं नहीं रूकेंगी। बहरहाल, जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए तब तक विभागीय अधिकारी कहां कुछ करते हैं।
छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ माह पहले शुरू हुई देश की सबसे तेज चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन पर एक बार फिर पथराव कर दिया गया। यह घटना महाराष्ट्र के कामठी स्टेशन के पास हुई है। पत्थरबाजी से कोच सी-6 के विंडो का शीशा टूट गया है। इस घटना की जानकारी होने के बाद आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और आधा दर्जन लड़कों को पकड़ ली। हालांकि, उन्हें समझाइश के साथ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
इस ट्रेन के शुरू होने के पहले जब रैक चेन्नई से पहली बार बिलासपुर आई, तब भी किसी ने पथराव कर दिया था। तब रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद ट्रेन शुरू होने के महज सप्ताह भर के भीतर फिर से पथराव कर दिया गया। इस बार भिलाई स्टेशन के पास पत्थरबाजी हुई, जिससे विंडो का शीशा टूट गया। आरपीएफ ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। लेकिन, अब तक पत्थरबाजों को नहीं पकड़ पाई है।