छत्तीसगढ़ में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई: हर जिले में बनेगी स्पेशल टास्क फोर्स, डिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू
By : dineshakula, Last Updated : July 16, 2025 | 12:19 am
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में कथित रूप से रह रहे अवैध बांग्लादेशी (Bangladeshi) और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। विधानसभा सत्र के दौरान रायपुर में मंगलवार को इस मुद्दे को अजय चंद्राकर ने सदन में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने दावा किया कि दुर्ग, रायगढ़, महासमुंद, रायपुर, कोरबा और अन्य जिलों में बड़ी संख्या में घुसपैठिए रह रहे हैं और इनकी जनसंख्या लगातार बढ़ रही है।
चंद्राकर ने आरोप लगाया कि ये लोग फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और कुछ सरकारी कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि इन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
इस पर जवाब देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार ने सभी जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) गठित कर दी है। रायपुर से शुरू होकर यह कार्रवाई प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेज़ी से की जाएगी। उन्होंने बताया कि STF पहली बार बनाई गई है और अवैध प्रवासियों की जानकारी के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 19 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और रायपुर, बिलासपुर व दुर्ग जिलों से 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी बांग्लादेशी मूल के हैं और इनके खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार रायपुर में 1000 सीटर डिपोर्ट सेंटर बना रही है, जहां इन लोगों को होल्डिंग सेंटर में रखने के बाद बीएसएफ के माध्यम से सीमा तक पहुंचाया जाएगा।
धरमजीत सिंह ने सदन में सवाल किया कि घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद करने वाले अधिकारियों और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों पर क्या कार्रवाई होगी? इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि रायपुर नगर निगम के एक कांग्रेस पार्षद द्वारा एक बांग्लादेशी को अवैध दस्तावेज दिलाने की पुष्टि हुई है और उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नागरिकता साबित करना आसान नहीं होता और जल्दबाज़ी में कार्रवाई करने पर छत्तीसगढ़ के कई वैध नागरिक भी चपेट में आ सकते हैं। महाराष्ट्र के एक मामले का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वहां चार बांग्ला भाषियों को बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया गया था, जो बाद में भारतीय निकले और उन्हें वापस लाना पड़ा।




