सुशील बोले, मोदी और शाह की तानाशाही से पूरी BJP डरी सहमी!
By : madhukar dubey, Last Updated : June 27, 2023 | 1:29 pm
वर्तमान में भाजपा की केन्द्र सरकार (BJP central government) तो पूरे देश में अघोषित और संविधानेतर आपातकाल लगा कर रखी है। असहमति के स्वर को दबाने के लिये केन्द्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी का धौंस विपक्ष के नेताओं को दिखाया जाता है। देश की महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थाओं की स्वात्यता को नष्ट कर दिया गया है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि देश की सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायधीशों को अपनी बात कहने मीडिया और देश की जनता के सामने आना पड़ा। चुनाव आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध हो गयी। समाचार माध्यमों की स्वतंत्रता लगभग समाप्त की दी गयी। मोदी सरकार की मंशा और यशोगान समाचार चैनलों पर जबरिया थोपा गया एजेंडा बन गया है। देश के किसानों को 8 महिने से अधिक समय तक आंदोलन करना पड़ा, सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थी। इससे बड़ा अलोकतांत्रिक कदम और आपातकाल क्या हो सकता है कि प्रजातंत्र की सबसे बड़ी पंचायत संसद के उच्च सदन में बिना बहस विधेयक पारित करवा दिया जाता है।
आपातकाल तो संवैधानिक व्यवस्था थी आज तो पूरे देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी और आईटी की विरोधी दलों के नेताओं ने यहां की जा रही देशव्यापी कार्यवाही भाजपा के अलोकतांत्रिक चरित्र का उदाहरण है। भाजपा ने लोकतंत्र को लूट तंत्र में बदल दिया, जनता द्वारा चुनी गयी सरकारों और जनादेश को धन बल के सहारे तथा राजभवनों से संविधानेत्तर हस्तक्षेप करवा कर सरकारों को हड़पने की भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार के अघोषित आपातकाल के सबसे बड़े उदाहरण है मध्यप्रदेश, कर्नाटका, महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकारों को विधायक खरीद कर हथियाना हो या गोवा, मणीपुर में बड़े दल होने के बावजूद कांग्रेस की सरकारें नहीं बनने देना भाजपा के अलोकतांत्रिक चरित्र को बताते है।
मोदी-शाह के डर से भाजपा सांसद राज्य के जनता की बात भी नहीं उठा पाते
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दरअसल समूची भाजपा इस समय खुद मोदी और शाह की तानाशाही के सामने डरी और सहमी हुई है। इसीलिये भाजपा नेताओं को देश की असली हकीकत नहीं दिख रही हैं। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता बिना मोदी-शाह की सहमति से एक शब्द नहीं बोल सकते। छत्तीसगढ़ के निर्वाचित सांसद छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि अपने राज्य की जनता किसानों के हित में एक शब्द बोलने की हिम्मत नहीं रखते। धान की कीमत राज्य को खाद की आपूर्ति जैसे मसलों पर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता कुछ नहीं बोल पाते, उन्हें डर रहता है मोदी-शाह नाराज हो जायेंगे।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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