कांग्रेस को ‘नंदकुमार साय’ का ‘टॉ-टाॅ-बॉय-बॉय’! BJP ज्वाइन करने के बाद ‘कही’ ये बड़ी बात…
By : hashtagu, Last Updated : September 4, 2024 | 4:40 pm
- उन्होंने कहा कि आज भी बहुत सारे लोग सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं, तो मैंने भी बीजेपी की सदस्यता ली। हमने लंबे समय से इस दल को सींचा है। मैं अविभाजित मध्यप्रदेश के समय अध्यक्ष था। जब कल्याण सिंह यूपी के अध्यक्ष हुआ हुआ करते थे, तब हमारे प्रभारी नरेंद्र मोदी थे और अनेक पदों पर अनेक जगह पर रहकर हमने इस पार्टी को बढ़ाया है।
मैं खुद कांग्रेस में गया था। किसी के बुलाने पर नहीं गया था। दरअसल तब बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं के लिए एक लाइन बना दी थी कि 60 से ज्यादा उम्र के नेताओं को पीछे रखा जाएगा। उस समय मैंने अकेले पार्टी नहीं छोड़ी बल्कि मध्यप्रदेश के तो 10 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। पार्टी ने पद नहीं दिया, लेकिन महत्व कम कर दिया था। ये गलत था।
नंदकुमार साय का राजनीतिक सफर
- बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। और 1985 में तपकरा से भाजपा विधायक चुने गए।
1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख रहे। नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने।
- 30 अप्रैल 2023 को साय ने बीजेपी से इस्तीफा दिया था और उसके अगले दिन 1 मई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस में प्रवेश किया। साय ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया।
- साथ ही विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की हार के बाद 20 दिसंबर 2023 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर 3 सितंबर 2024 को फिर से बीजेपी में वापसी की है।
“ये मेरा सदस्यता कार्ड है. देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करना गौरव का विषय है”: नंदकुमार साय, नेता, बीजेपी
यह भी पढ़ें : कांग्रेस का बड़ा आरोप : भाजपा विष्णुदेव सरकार में धान पर 1 हजार करोड़ का भ्रष्टाचार