Teeja Pola 2025: रायपुर में पारंपरिक रंग में रंगा तीजा-पोला तिहार, बेटी संग झूला झूलते नजर आए भूपेश बघेल

पोला तिहार छत्तीसगढ़ की कृषि संस्कृति और गांव की परंपरा से गहराई से जुड़ा त्योहार है। यह पर्व मुख्य रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों द्वारा मनाया जाता है।

  • Written By:
  • Updated On - August 23, 2025 / 03:52 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को तीजा-पोला तिहार उत्सव 2025 (Teeja Pola 2025)  बड़े पारंपरिक और सांस्कृतिक उल्लास के साथ मनाया गया। शहर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित भव्य कार्यक्रम में हजारों महिलाएं पारंपरिक पोशाकों में शामिल हुईं, जहां उत्सव की रंगत देखते ही बन रही थी। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया — खास बात यह रही कि वे अपनी बेटी के साथ झूला झूलते नजर आए।

Bhupesh At Teeja Pola

कार्यक्रम में महिलाओं ने बघेल की आरती उतारी, पारंपरिक गीतों पर झूमीं और छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का लुत्फ उठाया। साथ ही, कई लोक खेल प्रतियोगिताएं और पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन भी आयोजित किए गए, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि इस दिन भूपेश बघेल का जन्मदिन भी था, इसलिए कार्यक्रम और भी खास हो गया। समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया, और जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।

Teeja Pola

क्या है तीजा-पोला तिहार का महत्व?

पोला तिहार छत्तीसगढ़ की कृषि संस्कृति और गांव की परंपरा से गहराई से जुड़ा त्योहार है। यह पर्व मुख्य रूप से किसानों और खेतिहर मजदूरों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन बैलों और जाता-पोरा (मिट्टी के खिलौनों) की पूजा की जाती है। किसान अच्छी फसल और पशुधन की समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।

पोला तिहार हर साल भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाता है, और इसके अगले दिन हरितालिका तीज का पर्व होता है, जिसे महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए मनाया जाता है।

छत्तीसगढ़ में यह पर्व संस्कृति, लोककला और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम बनकर उभरता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में यह त्योहार धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।