संतों की ‘धर्मसभा’ में धर्मांतरण मुद्दे की गूंज!, देखें VIDEO

संतों की धर्मसभा (synod of saints) में देशभर के संत जुटे हैं। यहां जूना अखाड़े के प्रमुख अवधेशानंद गिरी महाराज (Avdheshanand Giri Maharaj) की अध्यक्षता में देश को हिंदू राष्ट्र

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  • Publish Date - March 19, 2023 / 04:00 PM IST

छत्तीसगढ़। संतों की धर्मसभा (synod of saints) में देशभर के संत जुटे हैं। यहां जूना अखाड़े के प्रमुख अवधेशानंद गिरी महाराज (Avdheshanand Giri Maharaj) की अध्यक्षता में देश को हिंदू राष्ट्र और छत्तीसगढ़ को धर्मांतरण मुक्त बनाने का संकल्प लिया जाएगा। इस सभा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में हो रहा है।

ये धर्म सभा असल में हिंदू जागरण यात्रा का समापन है। ये यात्रा प्रदेश में 18 फरवरी को शुरू की गई थी। 30 दिनों तक चली इस यात्रा में 1000 से ज्यादा गांवों में संतों का स्वागत किया गया। 500 से ज्यादा वंचित उपेक्षित परिवारों में संतों ने उनके घर जाकर लोगों से मुलाकात की। पिछड़े लोगों के बीच जाकर संतों ने भोजन किया। उनके साथ धार्मिक चर्चाएं की।

दो लाख से ज्यादा हनुमान चालीसा, हनुमान लॉकेट, रामचरित मानस और भगवत गीता प्रसाद के रूप में निशुल्क वितरित किए गए हैं । इस पूरी यात्रा के दौरान ढाई लाख लोगों के साथ मिलकर अलग-अलग जगहों पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हिंदू राष्ट्र की मांग, मेरा गांव धर्मांतरण मुक्त गांव हो इसका संकल्प लिया गया।

ये संत हो रहे हैं धर्म सभा में शामिल

विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित इस धर्म सभा में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जोकि जूना अखाड़ा हरिद्वार के प्रमुख हैं। इनके अलावा जितेंद्रनंद सरस्वती जो महामंत्री हैं काशी अखिल भारतीय संत समिति के। शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल। साध्वी प्राची, बालयोगेश्वर उमेश नाथ, पुष्पेंद्र पुरी, राजीव लोचन दास जी, स्वामी परमानंद, स्वामी प्रेम स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास, राधेश्याम दास, आचार्य राकेश, रामानंद सरस्वती, सीतारामदास, श्याम दास रामस्वरूप, लक्ष्य राम, साध्वी संतोषी भारती जैसे संत इस धर्म सभा में शामिल हो रहे हैं।

इस धर्मसभा का मूल उद्देश्य

कार्यक्रम का मकसद सनातनियों के बीच ‘संगत एवं पंगत’ (सत्संग एवं साथ बैठकर भोजन) के माध्यम से एकात्म-एकरस संगठित हिन्दू समाज प्रकटीकरण कर, हिन्दूभव (स्वाभिभान) जागृत करना है। समाज में बढ़ती हुई विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, धर्मान्तरण, गौवंश हत्या एवं तस्करी, भूमि, लव एवं अन्य जिहाद, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान एवं जागरण तथा हिन्दुराष्ट्र स्थापना हेतु संतों के नेतृत्व में पद यात्रा चल रही है। इसके आयोजन से अखिल भारतीय संत समिति (छत्तीसगढ़), सकल सनातन हिन्दू समाज (छत्तीसगढ़), विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दाल (छत्तीसगढ़) जुड़ी है।