छत्तीसगढ़। बूढ़ी काया लेकिन हौंसलों की उड़ान युवा से कम नहीं। जब खेल के मैदान में अपने प्रतिद्वंदी से दो-दो हाथ करने उतरीं तो किसी ने सोचा नहीं था कि ये बुजुर्ग महिला ही बाजी मारेगी। ठीक वैसे ही जैसे सांढ की आंख में दो बुजुर्ग महिलाओं ने घर की तमाम बंदिशों के बावजूद निशानीबाजी में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीत ली थी, वह भी एक हकीकतभरी कहानी थी। कुछ इसी तर्ज पर यहां गांव-गांव छत्तीसगढि़या ओलम्पिक खेल में एक बुजुर्ग महिला त्रिवेणी ठाकुर ने फगड़ी खेल में खुद से काफी कम उम्र की महिलाओं को पछाड़ दिया। जब वे रिंग में उतरीं तो उनके सामने महिलाएं ही नहीं युवतियां थीं। जैसे ही फुगड़ी खेल शुरू के लिए वहां मौजूद अम्पयार ने हरी झंडी दी तो वैसे ही फगड़ी खेल की जंग शुरू हो गई। इसमें बैठकर बिना रूके कूदकर चलना होता है, इसमें कहीं भी रूकना नहीं होता है, जब तक सभी प्रतिद्वंदी थककर बैठ न जाये। मतलब जो अंत तक इस खेल में बैठकर पंजे के बल कूदकर चलता रहेगा, वह विजेता होता है। ऐसा ही कारनामा बुजुर्ग महिला ने कर वहां मौजूद सभी लोगों को चकित कर दिया। क्योंकि ये खेल खासकर युवाओं के लिए ही माना जाता है।
जब त्रिवेणी ठाकुर फगड़ी खेल में इतनी रम गईं उन्हें पता नहीं चला कि वे जीत चुकीं हैं। क्योंकि सभी प्रतिभागी महिलाएं थकहार कर बैठ गईं थीं। 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी धुन में बैठकर पंजे बल कूदने में लगीं रहीं। इस नजारे को देखकर सभी सन्न रह गये। वैसे इनकी काया दुबती पतली ही लेकिन ऊर्जा की असीम शक्ति से भरी हुईं हैं। वैसे इनके फाइनल में जीतने के पूरे आसार हैं।
शासन की पहल से छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के माध्यम से जिले में पारंपरिक खेलों के आयोजन ने जनसामान्य में उत्साह का संचार किया है। शहर-शहर, गांव-गांव में बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं में छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक के लिए खुशी एवं उल्लास देखने को मिल रहा है। बुजुर्ग भी किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में दम- खम दिखाया है। इसकी एक बानगी राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम टेड़ेसरा में आयोजित विकासखंड स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक में देखने मिली।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रत्येक आयु वर्ग के एकल और दलीय प्रतिस्पर्धा के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। दलीय खेल विधा में प्रथम पुरस्कार 10 हजार रुपए द्वितीय पुरस्कार 7 हजार 500 रुपए, तृतीय पुरस्कार 5 हजार रुपए से पुरस्कृत किए जाएंगे। इसी तरह एकल विद्या में प्रथम पुरस्कार 1 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 750 रुपये, तृतीय पुरस्कार 500 रुपए तय किए गए हैं।