धान खरीदी पर ‘भूपेश’ की चुनौती! इधर ‘बृजमोहन’ ने ‘ठोकी ताल’…बोले

चुनावी दंगल में जोर आजमाईश के पूर्व कांग्रेस-बीजेपी अब अपने-अपने तेवर में आ गई है। ऐसे में प्रदेश की सियासत में धान खरीदी को लेकर जुबानी जंग.

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  • Updated On - June 13, 2023 / 07:02 PM IST

रायपुर। चुनावी दंगल में जोर आजमाईश के पूर्व कांग्रेस-बीजेपी अब अपने-अपने तेवर में आ गई है। ऐसे में प्रदेश की सियासत में धान खरीदी को लेकर जुबानी जंग ने जोर पकड़ लिया है। धान खरीदी पर मुख्यमंत्री भूपेश की ओर से धान खरीदी (Buy paddy) को लेकर चुनौती मिलने पर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agarwal) ने पटलवार करते हुए सियासी ताल ठोकी है। 

उन्होंने कहा कि, सरकार में दम है तो 2650 रुपए में धान खरीदी करें। केंद्र सरकार जो 2184 रुपए देने वाली है उससे अलग खरीदी करें। अगर केंद्र सरकार चावल नहीं लेगी तो क्या राज्य सरकार धान खरीदी कर सकती हैं? साथ ही श्री अग्रवाल ने कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन पर भी तंज कसा है। पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि, सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने का काम कर रही हैं। यह लोग एक बार कह दें कि, हमें धान खरीदी के लिए पैसे की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत नहीं है। तब हम मान लेंगे कि राज्य सरकार अपने दम पर कुछ काम कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि, धान खरीदी पर भाजपा के दावे को लेकर सीएम बघेल ने कहा था कि इनकी झूठ बोलने की प्रैक्टिस है, यह सीख कर आए हैं। एक झूठ को सौ बार बोले तो सच महसूस होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता जानती है। यदि केंद्र सरकार पैसा देती तो डॉ. रमन सिंह 10 क्विंटल धान क्यों खरीदते। केंद्र फसल खरीदती है, यहां भी FCI चावल खरीदें। केंद्र सरकार हमारा चावल खरीदे या ना खरीदे हम धान खरीदी बंद नहीं करेंगे। चावल सिर्फ केंद्र सरकार नहीं खरीदती, राज्य सरकार भी खरीदती है। यह झूठ बोलकर अफवाह फैलाने का काम करते हैं।

सरकारी सम्मेलन है, कांग्रेस पार्टी का नहीं

बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन पर कहा कि, सरकारी सम्मेलन है, कांग्रेस पार्टी का सम्मेलन नहीं है। सम्मेलन में 10 परसेंट कांग्रेस के कार्यकर्ता से ज्यादा नहीं दिखाई देंगे। बाकी सरकारी अधिकारियों के माध्यम से भीड़ इकट्ठी की जा रही है। रायपुर में संभागीय सम्मेलन हुआ था, मैंने रिपोर्ट ली तो पता चला कि, उसमें 90% लोगों को झुग्गी-झोपड़ी से पैसे देकर लाया गया था। कांग्रेस का संभागीय सम्मेलन दिल्ली के नेताओं की आंख में धूल झोंकने के लिए किया गया है।

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