रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट (assembly budget) सत्र 1 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलेगा, जिसमें 14 बैठकें होंगी। नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। 6 तारीख को सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) साल 2023-24 का बजट पेश करेंगे। स्पीकर चरणदास महंत ने इसकी जानकारी दी है।
चुनावी साल में पेश होने वाला यह बजट मौजूदा कांग्रेस सरकार की इस पारी का आखिरी बजट सत्र होगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कई लोकलुभावन घोषणाओं के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पिटारा प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में खुलेगा। बजट 1 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। सीएम भूपेश बघेल गृह विभाग, कृषि, स्वास्थ्य रोजगार, संबंधित विभागों के अलग-अलग मंत्रियों और अफसरों से रायशुमारी कर बजट का अंतिम स्वरूप तैयार कर चुके हैं ।
बजट 2023 में कई तरह की सौगात लोगों को मिल सकती है। वित्त विभाग के अधिकारियों की मानें तो सरकार इस बार कोई नया कर लोगों पर नहीं लगाएगी। इस तरह से बड़ी राहत दे सकती है । इसके अलावा अनियमित कर्मचारियों के लिए भी कुछ राहत भरे फैसले हो सकते हैं।
नई नौकरियों के माहौल को तैयार करने। कृषि, शिक्षा और महिलाओं से जुड़ी घोषणाएं भूपेश बघेल कर सकते हैं । किसानों का भी इस बजट में खास ख्याल रखा जाएगा क्योंकि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में तख्तापलट करने में बड़ी भूमिका किसानों की रही । तब सरकार ने किसानों का कर्ज माफ भी किया था।
पिछली बार गोबर से बने सूटकेस के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट सत्र में विधानसभा पहुंचे थे । इस बार चर्चा है कि ई बजट की थीम पर बजट पेश किया जा सकता है। वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपना बजट भाषण सीधे टेबलेट से पढ़े और इसकी जानकारी अन्य सदस्यों को भी लैपटॉप स्क्रीन या टेबलेट के जरिए ही दी जाएगी। यह प्रयोग छत्तीसगढ़ की विधानसभा में पहली बार होगा।
मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पहला बजट पेश किया था। 2001 में पहला बजट साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का था, जो अनुपूरक को मिलाकर पांच हजार 705 करोड़ रुपये का हुआ। वर्ष 2014-15 में बजट का आकार पहली बार 50 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा।
अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार 54 हजार 710 करोड़ रुपये हुआ। यह 2013-14 की तुलना में 24 प्रतिशत बड़ा था। 2018 में डॉ. रमन सिंह ने जब अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया, तब इसका आकार 83 हजार 179 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 में अपना पहला बजट 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का पेश किया। 2022-23 में इसका आकार एक लाख चार हजार करोड़ रुपये हो चुका है।