अग्निवीरों की भर्ती में हजारों युवा रातभर ठिठुरते रहे, इधर चैन की नींद सोता रहा प्रशासन!

By : madhukar dubey, Last Updated : December 12, 2022 | 2:55 pm

छत्तीसगढ़। जो युवा अपनी जान देश के खातिर न्यौछावर करने के लिए अग्निवीरों की भर्ती में शामिल होने के लिए दुर्ग आये थे, उन्हें इस कड़ाके की ठंड में रात गुजारनी पड़ी। जबकि इनके लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने ठहरने और खाने पीने सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन हजारों युवाओं को जब जगह नहीं मिली तो वे खुले आसमान के नीचे ठिठुरते हुए रात गुजारी। सैकड़ों युवा तो रातभर अलाव तापकर रात काटी। यहां एक दिन में करीब फिजीकल और मेडिकल टेस्ट के लिए 10 हजार युवा पहुंच रहे हैं। एक जानकारी के मुताबिक यहां मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के 60 हजार से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके लिहाज से यहां युवाओं की भीड़ जुट रही है। यानी कितने बच्चे यहां आएंगे, इसकी जानकारी प्रशासन को इसके बावजूद मुक्कमल व्यवस्था नहीं कर पाना हैरतभरा वाकया है। इसका विडियो अब जमकर वायरल हो रहा है। जिससे प्रशासन के लापरवाही की पोल खुल रही है।

इस विभागीय अधिकारी को मिली थी जिम्मेदारी

यहां आने वाले युवाओं के लिए रहने और खाने के अलावा सभी प्रकार की व्यवस्था कलेक्टर की जिम्मेदारी थी। इतना ही नहीं, बकायदा भर्ती स्थल का निरीक्षण कर एसपी ने सभी विभागों को काम भी बांटे थे। लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। जबकि मीडिया के लोग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा से संपर्क भी करने की कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव ही नहीं किया।

जब टेंट में नहीं मिली जगह तो खुले में सोने को मजबूर

अग्निवीर भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के रुकने के लिए बड़ा टेंट लगाया गया है। इसमें जगह कम पड़ने से सैकड़ों की संख्या में बच्चे खुले आसमान में और पेड़ के नीचे सोने को मजबूर हैं। दुर्ग जिले में इस समय ठंड काफी पड़ रही है। ठंड में युवाओं को खुले आसमान के नीचे रात जाग कर गुजारनी पड़ रही। इस बारे में दुर्ग नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली का कहना है कि ये व्यवस्था करना अपर कलेक्टर दुर्ग का काम था।

तीन अलाव के सहारे 10 हजार युवा, हास्यापद व्यवस्था

कुछ दिन पहले ही कलेक्टर और निगम आयुक्त ने आदेश जारी किया था कि पूरे शहर में भीड़ भाड़ वाले इलाकों और चौक चौराहों में अलाव की व्यवस्था करना है। लेकिन निगम ने चौक चौराहों में कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की। साथ ही अग्निवीर भर्ती स्थल में मात्र तीन अलाव ही जलाए गए। जब इस बारे में अतिक्रमण शाखा के प्रभारी शिव शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली ने दो अलाव जलाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी उन्होंने तीन अलाव जलाए थे। उन्हें जैसा निर्देश मिला उन्होंने वैसा किया। वहीं चौंकाने वाली बात है कि प्रशासन ने कंबल भी पर्याप्त नहीं बांटे हैं। ऐसे में युवा गमछा बिछाकर किसी तरह ओढ़कर रात काट रहे थे।