आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासियों ने सड़क जाम किया तो कहीं रेल रोको आंदोलन छेड़ा
By : madhukar dubey, Last Updated : November 15, 2022 | 9:54 pm
छत्तीसगढ़। आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासियाें ने जगदलपुर हाईवे पर जाम तो प्रदेश के विभिन्न जिलों में रेल रोका। इस दौरान आदिवासी समाज का गुस्सा भी देखने को मिला। लेकिन पूरा आंदोलन शांति पूर्वक सम्पंन हो गया। उनका कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएगीं, तब तक वे आंदोलन करते रहेंगे। आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन को आर्थिक नाकेबंदी का नाम दिया है। आंदोलन जगदलपुर, कवर्धा, बोलद सहित सभी आदिवासी बाहुल्य जिलोें किए गए। इस दौरान लोगों ने कांग्रेस और बीजेपी को इसके लिए जिम्मेदार बताया। आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि आरक्षण को यहां आंदोलन करने के बाद बीजेपी ने भी 2012 में आरक्षण लागू किया था। इसके बाद कांग्रेस आई तो इसे बिगाड़कर रख दिया। हालात ये है कि अब आदिवासियों को आरक्षण देने में विवाद पैदा कर दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा सिर्फ वोट बैंक के रूप में सभी पार्टियां देखती हैं
आदिवासियों ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां हम लोगों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखती हैं। यही कारण है कि हमेशा ये लोग आदिवासियों के हितों से खिलवाड़ करते आये हैं। सर्व आदिवासी समाज के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने इस मामले में बड़ा बयान दिया। मीडिया से चर्चा में उन्होंने आदिवासी आरक्षण कटौती के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार ठहराया । अरविंद नेताम ने अपने बयान में कहा कि साल २००३ में आरक्षण किस राज्य में कितना होगा इसका पूरा नियम केंद्र की तरफ से भेजा गया था। इसमें तय किया गया था कि शेड्यूल कास्ट, शेड्यूल ट्राइब्स और अन्य वर्गों को कितना आरक्षण दिया जाएगा ।
प्रदर्शनकारियों को हटाने में छूटे पुलिस के पसीने
प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस के पसीने छूूूूट गए। धमतरी, जगदलपुर, बस्तर, कवर्धा सहित सभी जिलों में यही हाल रहा। जहां सर्व आदिवासी समाज के कार्यकर्ताओं ने जमकर भागीदारी निभाई। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।