ईडी की छापेमारी पर टीएस सिंह देव का हमला, कहा- सरकार की मंशा पर उठता है सवाल
By : madhukar dubey, Last Updated : March 10, 2025 | 8:08 pm

रायपुर, 10 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister of Chhattisgarh Bhupesh Baghel)के भिलाई स्थित निवास और उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई राज्य में कथित शराब घोटाले, कोल लेवी और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के संदर्भ में की गई है। ईडी की टीम (ED team)ने राज्य में कुल 15 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें भिलाई के नेहरूनगर, चरोदा, दुर्ग और अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की गई। इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक टीएस सिंह देव ने करारा विरोध दर्ज कराया।
पूर्व विधायक टीएस सिंह देव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भूपेश बघेल पर नहीं, बल्कि उनके बेटे पर जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि छापेमारी विधानसभा सत्र के दौरान की गई है, तो यह विधानसभा की अवमानना होगी, क्योंकि एक चुने हुए प्रतिनिधि को अपने कर्तव्यों से रोकने की यह कार्रवाई मानी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई साक्ष्य नहीं मिला, जैसे कि पैसे या अन्य कोई अवैध संपत्ति, तो ऐसे में इस प्रकार की कार्रवाई क्या सही है?
टीएस सिंह देव ने आगे कहा कि कवासी लखमा को बिना किसी ठोस सबूत के बंदी बनाया गया, जबकि उससे कुछ भी बरामद नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस प्रकार की जांच केवल राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेताओं का जिक्र किया और कहा कि यह भी एक राजनीतिक रणनीति हो सकती है, जिसके तहत कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब भाजपा में कोई शामिल हो जाता है, तो ईडी की कार्रवाई रूक जाती है, जो देशभर में स्पष्ट रूप से दिख रहा है।
टीएस सिंह देव ने इस बात पर भी चिंता जताई कि सुप्रीम कोर्ट भी इस प्रकार की स्थिति में लाचार नजर आ रहा है और इसे सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाईयों को लेकर पूरे देश में असंतोष व्याप्त है और लोग इसे लोकतंत्र की हानि मान रहे हैं।