रायपुर। शिशुओं की मौत दर (Infant Mortality Rate) पर बीजेपी-कांग्रेस (BJP-Congress) में सियासी रार मची गई है। ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए है। दरअसल, NCPCR ने कांग्रेस शासनकाल में सरकारी अस्पताल में हुए 39 हजार शिशुओं की मौत को संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव को 7 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उक्त जानकारी दी थी। जिसके आधार पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सहित चार संसदों के दल ने शिकायत की थी। कल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पत्र की कॉपी बीजेपी ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा उचित स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध न कराने के कारण राज्य में नवजात शिशुओं की मृत्यु की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आंकड़े जारी करते हुए इसे विधानसभा में स्वीकार किया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन प्रियंका कानूनगो जी द्वारा माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री @ArunSao3 के नेतृत्व में 4 सदस्यीय सांसद दल द्वारा ज्ञापन सौंपने पर इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए इस प्रकरण की अतिशीघ्र जांच कराने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
अरे ढपोरशंखों जरा @narendramodi जी की इज्जत का तो ख्याल रखा करो, हर बार गाल बजाते मोदी सरकार को झूठा साबित करने जुट जाते हो…। केंद्र सरकार का राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 कहता है कि प्रदेश में 0-5 वर्ष तक के शिशुओं का मृत्यु दर रमन के कुशासन काल के 64.3% से घटकर कांग्रेस सरकार में 50.4% पर आ गया है, इसी सर्वेक्षण में यह बात भी कही गई है कि नवजात शिशुओं की मृत्यु दर 42.1% से घटकर 32.4% पर पहुंच गई है और तुम बेशर्मों की तरह हमारी कांग्रेस सरकार में उचित स्वास्थ्य व्यवस्था न देने की बात कहते हो, जिनके दामन हमारी माताओं-बहनों के खून से रंगे हुए हैं…!!
बेशर्मों जरा शर्म करो और अपने कुकर्मों के लिए अपने मुंह पर कालिख मलो….और हां एक जरूरी बात..!!
https://twitter.com/INCChhattisgarh/status/1691822501397971350
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