रायपुर। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (Professional Examination Board) ने अपने वकील को अचानक हटा दिया। 15 अगस्त की छुट्टी के दिन सरकारी अधिवक्ता (Public Prosecutor) को हटाए जाने की कार्रवाई की गई। अब तक व्यापम के वकील, हाईकोर्ट के सीनियर लॉयर सौरभ पांडेय रहे हैं। पांडेय ही शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भी बतौर सरकारी वकील अदालत में पक्ष रख रहे हैं।
शराब घोटाला मामले में अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने 14 अगस्त को हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दायर की। जिसमें उन्होंने शराब घोटाला मामले की जांच CBI से करने की दरखास्त अदालत से की है। ठीक इसके अगले दिन व्यापम ने उन्हें हटा दिया। वह पिछले 10 सालों से व्यापम के लिए बतौर स्टैंडिंग काउंसिल कम कर रहे थे।
साल 2016 में पीएमटी भर्ती परीक्षा में और पीडब्ल्यूडी विभाग की इंजीनियरिंग भर्ती इंजीनियर भर्ती परीक्षा में सवालों की गड़बड़ी को लेकर अलग-अलग अभ्यर्थियों ने कोर्ट में केस किए थे । इन मामलों में सौरभ पांडेय ने व्यापम का पक्ष रखा दोनों ही मामलों में व्यापम ने केस जीत लिए। व्यापम ने उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिए थे। अब यूं पांडेय के अचानक हटाए जाने से कई तरह की चर्चाएं हैं।
अधिवक्ता सौरभ पांडेय एक ओर व्यापम के लिए अदालती लड़ाई का मुख्य हिस्सा रहे। तो दूसरी ओर ED की कार्रवाइयों में राज्य प्रशासन के खिलाफ अदालत में पक्ष रखे। 14 अगस्त को दायर की गई इनकी रिट पिटीशन में कहा गया है कि स्टेट की पुलिस ने शराब घोटाला के आरोपियों के मामले में आंखें मूंद रखी थी और उन्हें बड़े आर्थिक घोटाले को करने दिया गया। उन्होंने आरोपियों के प्रशासनिक संरक्षण का जिक्र भी करते हुए मामले को सीबीआई को देने की गुजारिश की है। आने वाले सप्ताह में इस मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई भी हो सकती है।
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