‘रमन-भूपेश’ में छिड़ी जुबानी जंग, रमन बोले, ‘दाऊ याद रखें एक-एक हिसाब होगा’

BJP अपने नेताओं की हो रही हत्याओं का लेकर अब आक्रामक हो गई है।

  • Written By:
  • Updated On - February 11, 2023 / 10:05 PM IST

छत्तीसगढ़। BJP अपने नेताओं की हो रही हत्याओं का लेकर अब आक्रामक हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) ने कहा, दाऊ भूपेश बघेल याद रखें कि हर एक हत्या का हिसाब होगा। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह के समय इस तरह की हत्याओं पर वे कहते थे कि राजनीति नहीं होनी चाहिए। आज वैसे ही मामले में राजनीति देखने लगे। झीरम कांड के लिए रमन सिंह को नार्को टेस्ट के लिए आगे आना चाहिए।

जगदलपुर रवाना होने से पहले रायपुर हवाई अड्‌डे पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, बस्तर में हत्याओं का दौर चल रहा है। एक महीने में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की इस तरह की तीसरी हत्या हो गई है। पहले जगदलपुर के जिला मंत्री बुधराम करताम की हत्या हुई। फिर बीजापुर के नीलकंठ कक्केम की और अब नारायणपुर के सागर साहू की हत्या हो गई। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में कांग्रेस और कांग्रेस सरकार पूरी तरह से असफल रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि, भाजपा को ही टारगेट बनाया जा रहा है, इसके राजनीतिक कारण और राजनीतिक संदर्भ निकाले जा सकते हैं। कहीं न कहीं इसमें मिलीभगत है। डॉ. रमन सिंह ने लिखा, भाजपा को टारगेट बनाकर हमारे नेताओं की हत्या की जा रही है। अपराधियों के आगे कांग्रेस की सरकार ने घुटने टेक दिये हैं। दाऊ भूपेश बघेल याद रखें कि हर एक हत्या का हिसाब होगा। अब कांग्रेस का अन्याय नहीं बल्कि वास्तविक न्याय किया जाएगा।

भूपेश भी बोले, 15 साल सत्ता में रहे, जब इस तरह की घटना होती थी तो कहते थे राजनीति नहीं होनी चाहिए

इधर जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह जी 15 साल तक सत्ता में रहें, जब भी इस तरह की घटना होती थी तो कहते थे कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। आज जैसे ही एक मामला आया वे उसमें राजनीति देखने लगे हैं। नक्सलियों का दंश सबसे अधिक किसी पार्टी ने झेला है तो वह कांग्रेस पार्टी ने। रमन सिंह के शासन में ही हुआ था जब हमारे प्रथम पंक्ति के सारे नेता शहीद हो गए। इसीलिए हम कहते हैं कि वह राजनीतिक आपराधिक षडयंत्र था। उसकी जांच हमें दे दें। उस दिन भी हम लोगों ने कहा था कि नार्को टेस्ट करा लें रमन सिंह, मुकेश गुप्ता और अमित जोगी। लेकिन उस मामले में बिल्कुल मौन साध गए।

अगर वे कवासी लखमा का नार्को टेस्ट मांग रहे हैं तो इनका भी नार्को टेस्ट हो जाए। क्यों चुप हैं। सामने आ जाएं। यही तो हम कह रहे हैं कि उसमें जाे राजनीतिक आपराधिक षडयंत्र है वह सामने आ जाए। हत्या हुई है इससे कोई इन्कार नहीं है। लेकिन उसमें षड़यंत्र छिपा हुआ है यह उजागर होना चाहिए। तो नार्को टेस्ट के लिए रमन सिंह को खुद सामने आना चाहिए।