छिड़ी जुबानी जंग : नारायण चंदेल बोले, महंत ‘सठिया’ गए हैं और कांग्रेसी नेता मानसिक संतुलन! इधर भूपेश की सियासी सफाई

पीएम मोदी को लेकर की गई नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत (Charandas Mahant) को लेकर सियासी बयानबाजियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

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  • Updated On - April 5, 2024 / 06:07 PM IST

रायपुर। पीएम मोदी को लेकर की गई नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत (Charandas Mahant) को लेकर सियासी बयानबाजियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण चंदेल (Narayan Chandel) ने कहा कि, महंत सठिया गए हैं। वे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।

  • उन्होंने कहा कांग्रेस के नेताओं की ये संस्कृति हो गई कि पहले गाली दे फिर उसके मायने समझाओ। कुछ ऐसा ही भूपेश बघेल भी कर रहे हैं, यही छत्तीसगढ़ की संस्कृति है। जो बात विडियो में देखी जा रही है, उस पर झूठ बोलने के आदी हो चुके भूपेश बघेल बोल रहे हैं कि भाजपा नेता छत्तीसगढ़ी भाषा नहीं समझते। वाह, यानी उल्टा चोर कोतवाल को डांटने कहावत को आज भी चरितार्थ कर रहे हैंं। इनको थोड़ा भी शर्म और लिहाज नहीं है। जब भूपेश बघेल सरकार में थे, तो अपने नेताओं से जमकर भ्रष्टाचार करवाए। जब आरोप लगे तो भी झूठ बोल रहे थे। अब जांच में ये और इनके नेता दोषी पाए गए हैं तो बौखला गए हैं। सारे कांग्रेसी नेता अपनी हार से बौखलाकर मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। क्योंकि इन्हें पता है लोकसभा चुनाव में भी जनता इनको करारा सबक सिखाएगी।

मोदी जी के लिए कोई अनादर मन में नहीं’

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘जो कुछ नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत जी ने कहा वह छत्तीसगढ़ी भाषा के मुहावरे में कही गई बात है। लोकोक्तियों से समृद्ध छत्तीसगढ़ी भाषा को जानने समझने वाला और छत्तीसगढ़ी लोक जीवन से जुड़ा हर व्यक्ति इसे जानता है।’

‘उनका आशय घमंड तोड़ने से था। इस मुहावरे को भाजपा के नेता नहीं समझ सकते। वे छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति को नहीं समझते। इस तथ्य के बावजूद महंत जी ने विनम्रता से कहा है कि अगर इसका ग़लत अर्थ निकाला गया है तो वे खेद व्यक्त करते हैं।’ ‘हम महात्मा गांधी की पार्टी के लोग हैं। हम हिंसा पर न भरोसा करते हैं न हिंसा हमारी सोच का हिस्सा है। हम अहिंसक विचारधारा के लोग हैं। जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सवाल है, तो हम उन्हें लोकतांत्रिक ढंग से परास्त करना चाहते हैं। उनका घमंड तोड़ना चाहते हैं। उनके प्रति कोई अनादर हमारे मन में नहीं है। वे स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों।’

विवाद बढ़ने पर महंत ने दी थी सफाई

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास ने उनके बयान के बाद विवाद बढ़ने पर एक दिन पहले ही सफाई दी थी। महंत ने कहा था कि, उनके बयान को तिल का ताड़ बना दिया गया। प्रधानमंत्री सम्मानित पद है। मैंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है, लोग पता नहीं क्यों कह रहे हैं। मैं तो कबीरपंथी हूं, मैं इस तरह की गलत बात तो कर ही नहीं सकता। मेरी बातों से बुरा लगा है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।

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