जब ‘BJP’ के पूर्व मंत्री सड़क पर ‘राेने’ लगे, पढ़ें, वाक्या
By : madhukar dubey, Last Updated : January 5, 2023 | 10:50 am
दरअसल, सोमवार को हुई इस हिंसक झड़प के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस मामले की जांच के लिए एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया था। इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद संतोष पांडेय, मोहन मंडावी, पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, केदार कश्यप समेत विधायक शिवरतन शर्मा शामिल थे। ये सभी नारायणपुर के लिए निकले थे। जिन्हें जिला मुख्यालय पहुंचने से पहले ही बेनूर गांव में प्रशासन ने रोक लिया था। जिसके बाद सभी लोग सड़क पर ही धरने में बैठ गए थे।
सड़क पर धरना देने लगे थे केदार कश्यप
केदार कश्यप ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत ठहराया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, हमारे लोगों को नंगा करके मारा गया है। हम अपनी संस्कृति और देव स्थल बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि इसके लिए मैं आगे आता हूं तो कहा जाता है मैं राजनीति कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि, सरकार आती-जाती रहती है। हम भी १५ साल तक सरकार में थे, लेकिन कभी इस तरह की कार्रवाई नहीं की। हमारे आदिवासियों को घर से निकालकर मारा जा रहा है। उनका जबरदस्ती धर्मांतरण किया जा रहा है। इसे कभी बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
नारायणपुर के एकड़ा क्षेत्र में मिशनरियों द्वारा आदिवासियों को घरों से निकालकर पीटा गया।
कांग्रेस सरकार के दबाव के चलते स्थानीय पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश की – श्री @KedarKashyapBJP जी, प्रदेश महामंत्री भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/8Hkw8Zq3lo
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) January 5, 2023
७ लोगों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में चर्च में तोड़फोड़ और पुलिस जवानों पर हमला करने वाले ७ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इधर सांसद मोहन मंडावी समेत कई नेता नारायणपुर जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन नहीं जाने दिया गया। साथ ही शिवरतन शर्मा, संतोष पाण्डेय,केदार कश्यप, मोहन मंडावी,महेश गागड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। बीजेपी नेताओं और पुलिस में झूमाझटकी भी हुई है। बाद में सभी नेताओं को मुचलके पर छोड़ दिया गया। इसके बाद नेता वहां से लौट रहे हैं।