रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव (Sanjay Srivastava) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों (Congress candidates) की सूची ‘बीरबल की खिचड़ी’ की तरह हो गयी है! न बीरबल की खिचड़ी पक रही है और न कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी हो रही है, जो बताता है कि कांग्रेस के घर में गुटबाज़ी अपने चरम पर है। इसलिए मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और गृह मंत्री में तालमेल नहीं दिख रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पहली ऐसी सरकार है, जो अपने काम, प्रभाव और उपलब्धियों के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार पर दोषारोपण करके चुनाव के मैदान में जा रही है।
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने कहा कि जो सरकार होती है, उसकी यह जिम्मेदारी होती है कि उसने जो काम किया अपने शासनकाल में किया है, वह जनता को बताए और फिर से जनादेश मांगे। भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने भी यही किया था। आज प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है और उसका यह अधिकार और दायित्व है कि वह सरकार की कमियों पर नजर रखे, लेकिन मौजूदा प्रदेश की भूपेश सरकार जिस तरह नकारात्मक बिंदुओं पर चुनाव लड़ने जा रही है, उससे यह आईने की तरह साफ हो गया है कि कांग्रेस की इस सरकार के पास अपनी कोई उपलब्धि या ऐसा कोई प्रभावी काम नहीं है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि 6 माह पहले तक कांग्रेस की जो सरकार अपनी तथाकथित उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटती अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बन रही थी, आज वह सरकार न तो अपने चेहरे को सामने कर पा रही है और न ही अपने काम तक गिना पाने की हालत में है। श्री श्रीवास्तव शनिवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ में पत्रकारों से मुखातिब थे।
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस अपने अंतर्कलह के चलते प्रत्याशियों की सूची घोषित कर नहीं पा रही है और भाजपा से पूछ रही है कि शेष प्रत्याशियों की घोषणा भाजपा कब करेगी? पहले कांग्रेस अपनी हालत तो देख ले। कांग्रेस 71 विधायकों-मंत्रियों के होते हुए अब तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है जबकि भाजपा ने जीत का लक्ष्य सामने रखकर 21 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। श्रीवास्तव ने तंज कसा कि ज्यादा नहीं तो, कम-से-कम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम की घोषणा ही कांग्रेस कर देती। क्या कांग्रेस में अपने मुख्यमंत्री की टिकट भी फाइनल नहीं हो पा रही है? कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने पहले कहा था कि कांग्रेस की सूची 6 सितंबर तक आएगी। फिर दूसरी तारीख 8 सितंबर दी गयी, लेकिन सितंबर से अक्टूबर शुरू हो गया, कांग्रेस की सूची कब आएगी, किसी को पता नहीं है। कुमारी शैलजा को पहली बार किसी राज्य में कांग्रेस के इतने बड़े अंतर्कलह का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी प्रत्याशियों की सूची जारी करने के लिए तारीख-पर-तारीख दे रही है, दूसरी तरफ उप-मुख्यमंत्री कहते हैं, प्रत्याशी को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है। जल्दी टिकट जारी करने से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल उपमुख्यमंत्री सिंहदेव को मालूम है कि कांग्रेस में जो ज्वालामुखी बना हुआ है, वह कभी भी फट सकता है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अपने प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस इतनी कन्फ्यूज है कि पहले ब्लॉक स्तर से आवेदन मंगाए जाते हैं, दूसरी तरफ उप-मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात करते हैं, जो बताता है कि कांग्रेस संशय में है कि टिकट देने का आधार किसे माना जाए? कांग्रेस के खुद के सर्वे में मुख्यमंत्री बघेल की परफॉर्मेंस खराब है। इसलिए पार्टी ने चुनाव समिति में सामूहिकता के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, तभी मुख्यमंत्री के लिए बघेल का चेहरा घोषित नहीं किया।
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की खुद की परफॉर्मेंस पाटन में ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री बघेल ने पाटन में प्रशिक्षण शिविर में कहा था ‘मैं नामांकन भरने आऊंगा, चुनाव जिताने की जिम्मेदारी आपकी है।’ क्या इसीलिए कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री के टिकट की घोषणा नहीं कर रही है? मुख्यमंत्री बघेल कहते हैं, दो-चार विधायकों की परफॉर्मेंस ठीक नहीं है। यदि सभी विधायकों और मंत्रियों की परफॉर्मेंस इतनी अच्छी है, तो कांग्रेस क्यों नहीं 71 विधायकों को टिकट देने में आम सहमति बना पा रही है? श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के टिकट को लेकर इसलिए आम राय नहीं बन पा रही है क्योंकि कांग्रेस की मंडी सजी हुई है और जिसकी दुकान में जितना सौदा, उसको उतना फायदा; इसलिए एक-दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं। यहाँ तक कि कांग्रेस की सूची में तो कई सिंगल नाम ही बेजे गए थे। जमीनी स्तर पर कांग्रेस में चल रहे इस भ्रष्टाचार की भनक लगते ही पैनल मंगाए गए। कांग्रेस की प्रदेश सरकार की हालत तो यह है कि पाँच साल का कार्यकाल बीतने को है, प्रदेश के शत-प्रतिशत निगम-मंडलों में नियुक्तियाँ तक यह सरकार नहीं कर पाई है!
भाजपा सरगुजा संभाग प्रभारी श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भी प्रदेश की भूपेश सरकार को आड़े हाथों लेकर कहा कि 16 लाख गरीब परिवारों को आवास से वंचित रखने वाली ‘भू-पे’ सरकार की नेता प्रियंका वाड्रा 10 लाख आवास देने की बात करती हैं। यह कहने से पहले उन्हें उप मुख्यमंत्री सिंहदेव की पंचायत मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफे वाली चिठ्ठी पढ़ लेनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री आवास योजना को लॉन्च किया गया था, लेकिन लाभ गरीब जनता को नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेताओं को दिया गया, जो बताता है कि किस षड्यंत्र के तहत और क्यों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री आवास रोके गए थे। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री आवास योजना’ की पहली ही सूची में कांग्रेस के नेताओं, पदाधिकारियों और उनके परिजनों के नाम सामने आने से यह साफ हो गया है कि यह योजना कांग्रेस के ही लोगों को फायदा पहुँचाने की बदनीयती से शुरू की गई है। गरीबों का इस्तेमाल सिर्फ वोट बटोरने के लिए करने वाली कांग्रेस का गरीबों की भलाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता कभी रहा नहीं।
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