पंजे की लगातार हार पर केदार कश्यप ने क्यों छिड़की सियासी मिर्ची ? पूछे बताओ…
By : hashtagu, Last Updated : December 5, 2024 | 6:35 pm
रायपुर। प्रदेश सरकार में वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप (Forest and Cooperation Minister Kedar Kashyap)ने कांग्रेस पर इस बात को लेकर तीखा तंज कसा है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में हारने (Loser in Raipur South Assembly by-election)के बाद भी कांग्रेस में ऐसा एक भी नेता सामने नहीं आ रहा है, जो इस करारी हार की जिम्मेदारी ले या फिर जिम्मेदारी तय करे। श्री कश्यप ने कहा कि इस उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस में एक बार फिर सन्नाटा पसरा हुआ है।
प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पिछले साल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी हार देखी और केवल 35 सीटों पर ही सिमटकर रह गई जबकि 54 सीटों के साथ भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भाजपा को वोट प्रतिशत भी सबसे ज्यादा मिला। उसके बाद इसी वर्ष के मध्य में हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत सभी अपने दिग्गज पूर्व मंत्रियों को मैदान में फिर उतारा। भूपेश बघेल खुद राजनांदगाँव से लड़े, पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू महासमुंद से लड़े, पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया के अलावा राहुल गांधी के करीबी जो विधायक जेल में है, वह भी लड़े। ये सारे कांग्रेसी दिग्गज लोकसभा का चुनाव हार गए! श्री कश्यप ने कहा कि रायपुर दक्षिण के उपचुनाव के दौरान कांग्रेस नेता यह दावे कर रहे थे कि भाजपा की सरकार काम नहीं कर रही है और कांग्रेस की इकतरफा जीत होगी, तो रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में जितना कांग्रेस को वोट नहीं मिला, उससे ज्यादा की लीड के साथ भाजपा ने यह उपचुनाव जीता है।
प्रदेश के वन मंत्री श्री कश्यप ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लगातार हार के बाद हार से कांग्रेस में सन्नाटा पसर गया है। कांग्रेस पूरी तरह से हताश-निराश हो चली है, जनता के द्वारा नकारी गई पार्टी बन गई है। विपक्ष के रूप में कोई रचनात्मक काम कांग्रेस नहीं करती और केवल छत्तीसगढ़ में उसने हिंसा फैलाने के प्रयास किए, अपराध बढाने के प्रयास किए, लेकिन अपनी बदनीयती से भरे इरादों में कांग्रेस सफल नहीं हो रही है और जनता बार-बार बार-बार कांग्रेस के गाल पर तमाचे पर तमाचे मार रही है। श्री कश्यप ने कहा कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस में कोई भी हार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। आज तक कोई नेता सामने नहीं आया, जिसने यह कहा कि हर के लिए मैं जिम्मेदार हूँ याफिर कांग्रेस नेतृत्व ने यह साहस तक नहीं दिखाया है कि वह इस करारी हार की जिम्मेदारी तय कर सके। कांग्रेस की जो ऐसी दुर्गति है, इससे कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
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