क्यों जमींदोज हुआ बिलासपुर का मिशन अस्पताल, जानिए इसकी वजह
By : madhukar dubey, Last Updated : January 8, 2025 | 4:32 pm
जानकारी के मुताबिक, क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल, बिलासपुर की साल 1885 में स्थापना हुई. सेवा के नाम से मिशन अस्पताल को 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी. 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी. पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। लीज में मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी।
चौपाटी बनाकर कर रहे थे लाखों की कमाई
लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी 30 सालों तक प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया. साथ ही शर्तों का उल्लंघन करते हुए डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ाकर लाखों रुपए की कमाई करने लगे. कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था।
कलेक्टर अवनीश शरण ने मिशन हॉस्पिटल के लीज की शर्तों का उल्लंघन करने पर दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया. जांच में पता चला कि 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी और सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग करने लगे और लाखों रुपये किराए भी वसूल करने लगे थे. जांच के दौरान यह मालूम पड़ा कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था।
कमिश्नर महादेव कावरे ने पलटा फैसला
बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के बाद कमिश्नर महादेव कावरे ने मामले में सुनवाई की. जिसमें पूर्व कमिश्नर के स्टे के आदेश को खारिज कर दिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन और निगम आज अस्पताल भवन को जमीदोज करने की कार्रवाई में जुट गया है।
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