छत्तीसगढ़। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे हर पार्टी अपने रंग और तेवर को बदलने के जुगत में है। देखा जाए तो यहां मूलभूत सुविधाओें के बजाए सिर्फ लोकलुभावन वादों पर ही कांग्रेस पार्टी की नजरें जमी हैं। फिलहाल धान के 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य के चुनावी घोषणा के सहारे सत्ता में कांग्रेस एक बार फिर धान पर ही पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इस बार यहां छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से धान की खरीदी हो रही है। ऐसे में भूपेश बघेल धान खरीदी में ऑनलाइन टोकन आदि के फंडे के जरिए किसानों को लुभाने में जुटे। बचे एक साल के कार्यकाल में अब वे पूरे एक्शन मोड में आ गये। बहरहाल, धान खरीदी को लेकर वे पूरी तरह गंभीर है। उनकी कोशिश है कि चाहे जो भी हो धान खरीदी में किसी भी तरह की लापरवाही न हो पाए। इसके लिए उन्होंने अपने मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं।
बता दें, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि धान बेचने वाले किसानो को समितियां और उपार्जन केन्द्रों में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी की सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलों के प्रभारी सचिव और कलेक्टर मुस्तैद रहें। उन्होंने कहा कि समिति स्तर पर 1 नवम्बर को किसानों की बैठक ली जाए और किसानों से धान आवागमन की प्लानिंग समिति स्तर पर की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण धान कटाई पूरे तरीके से शुरू नहीं हुई है।
किसानों को धान को सुखाकर लाने के लिए सेंसिटाईस करें, ताकि उन्हें धान बेचने में परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष खरीदे जाने वाले धान में नमी का प्रतिशत 17 प्रतिशत से कम होना चाहिए। इसका किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि खरीफ वर्ष 2022-23 में एक लाख 29 हजार नये किसानों के एक लाख 9 हजार हेक्टेयर रकबे का नवीन पंजीयन किया गया है। इस प्रकार खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के लिए 25 लाख 23 हजार किसानों के 29.42 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीयन किया जा चुका है। गौरतलब है कि पिछले खरीफ वर्ष में धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 24 लाख 5 हजार थी। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि धान खरीदी के लिए वर्तमान में लगभग 3 लाख 92 हजार गठान नये, पुराने बारदाने उपलब्ध हो चुके हैं। इसके अलावा नये बारदानों की प्राप्ति तथा पुराने बारदानों के संकलन एवं सत्यापन का कार्य सतत रूप से पुरा किया जा रहा है।