छत्तीसगढ़। (Governor Biswa Bhushan Harichandan) प्रदेश के अब नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन होंगे। ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं, क्या, आरक्षण बिल को लेकर राजभवन और भूपेश सरकार के बीच जारी सियासी युद्ध को विराम लगेगा। बहरहाल, इसकी संवैधानिक लड़ाई कोर्ट तक पहुंच चुकी है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि अगर नए महामहिम चाहेंगे तो आरक्षण बिल का विवाद जल्द ही सुलझ जाएंगे। वैसे, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। आरक्षण बिल को लेकर मचा सियासी घमासान किस दिशा की ओर जाता है। इधर, नए महामहिम की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने अपने twitter एकाउंट पर उन्हें बधाई दी है।
बता दें, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के छत्तीसगढ़ दौरे के एक दिन बाद ही यहां की राज्यपाल अनुसुईया उइके को हटा दिया गया है। उइके को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरिचंदन पड़ोसी राज्य ओडिशा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
बिस्वा भूषण हरिचंदन को भी अनुसुईया उइके साथ ही ही जुलाई 2019 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। तीन अगस्त 1934 में पैदा हुए हरिचंदन अभी 89 साल के हैं। उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ जॉइन किया था। जनता पार्टी के गठन तक वे जनसंघ से ओडिशा के महामंत्री थे।
1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें ओडिशा यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1988 तक वे भाजपा के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्होंने बीजू जनता दल जॉइन कर लिया। 1996 में वे फिर भाजपा में लौटे। हरिचंदन पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार जनता लहर में 1977 में चिल्का सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने भुवनेश्वर सेंट्रल सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे। हरिचंदन ने ओडिशा के पाइका विद्रोह सहित कई पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं।
महामहिम राष्ट्रपति जी ने श्री विश्व भूषण हरिचंदन जी को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल नियुक्त किया है। उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ।
मैं छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से हमारे नए संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 12, 2023