बर्थडे स्पेशल: फेयरनेस क्रीम का करोड़ों का ऑफर ठुकराकर चर्चा में आईं साई पल्लवी, अब बनेंगी सीता
By : hashtagu, Last Updated : May 8, 2025 | 12:50 pm

मुंबई। दक्षिण भारतीय सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री साई पल्लवी (Sai Pallavi) आज (9 मई) अपना जन्मदिन मना रही हैं। ‘नेचुरल ब्यूटी’ के नाम से मशहूर साई का जन्म 1992 में तमिलनाडु के कोटागिरी में हुआ था। कम ही लोग जानते हैं कि अभिनय की दुनिया में आने से पहले साई पल्लवी एक प्रशिक्षित डॉक्टर थीं। लेकिन जब उन्होंने सिनेमा में कदम रखा, तो उन्होंने न केवल अभिनय बल्कि अपने विचारों और उसूलों से भी लाखों दिल जीते।
साई पल्लवी तब सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने फेयरनेस क्रीम के एक विज्ञापन को ठुकरा दिया था। बताया जाता है कि साल 2019 में एक नामी कंपनी ने उन्हें 2 से 3 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था, लेकिन अभिनेत्री ने साफ कह दिया कि वह इस तरह के उत्पादों को प्रमोट नहीं करेंगी क्योंकि यह सामाजिक असमानता और रंगभेद को बढ़ावा देता है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था, “मैं भारतीय हूं, मुझे जैसा रंग मिला है, मैं उसी में सहज हूं।” इस फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हुई थी और लोग उन्हें ‘रियल आइकन’ कहने लगे थे।
जहां एक ओर साई पल्लवी की सादगी और दमदार अभिनय की प्रशंसा होती है, वहीं दूसरी ओर उनके बेबाक विचार उन्हें विवादों के घेरे में भी ले आते हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को लेकर सवाल खड़े करते हुए, एक गौ-तस्करी के संदर्भ में हिंसा की घटना का हवाला दिया था। उनका कहना था, “अगर धार्मिक संघर्ष की बात हो रही है, तो फिर इन घटनाओं में अंतर कहां है?” इस बयान के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली थीं।
साई पल्लवी ने साल 2005 में तमिल फिल्म कस्तूरी मान से अभिनय की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म प्रेमम से मिली। इसके बाद काली, मारी 2, लव स्टोरी, श्याम सिंघा रॉय, गार्गी जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
अब वे एक और बड़े प्रोजेक्ट के साथ दर्शकों के सामने आने वाली हैं। निर्देशक नितेश तिवारी की बहुप्रतीक्षित फिल्म रामायण में साई पल्लवी माता सीता की भूमिका निभाएंगी। इस फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम की भूमिका में होंगे, जबकि केजीएफ फेम यश रावण का किरदार निभाएंगे। यह फिल्म न केवल भारतीय पौराणिकता को जीवंत करेगी, बल्कि साई पल्लवी के करियर में एक नया अध्याय भी जोड़ेगी।