जब करीम लाला ने हेलेन को उनका घर वापस दिलाया

By : dineshakula, Last Updated : November 27, 2025 | 3:24 pm

मुंबई: पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया (Rakesh Maria) की नई किताब “व्हेन इट ऑल बिगैन: द अनटोल्ड स्टोरीज़ ऑफ़ द अंडरवर्ल्ड” में एक चौंकाने वाला किस्सा सामने आया है। किताब में खुलासा किया गया है कि कैसे बॉलीवुड (Bollywood) की मशहूर डांसर और अभिनेत्री हेलेन (Helen) को उनके ही घर से निकाल दिया गया था और कैसे अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला ने उन्हें वह घर वापस दिलाया।

किताब के अनुसार, हेलेन, जिनका जन्म 1938 में रंगून में हुआ था, युद्धकालीन बर्मा से भागकर बॉम्बे पहुंची थीं। आर्थिक परेशानी के कारण उन्होंने फिल्मों में काम शुरू किया और 1950 के दशक में वे हिंदी सिनेमा की सबसे लोकप्रिय डांसर्स और परफ़ॉर्मर्स में से एक बन गईं। उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में काम किया।

हेलेन की निजी जिंदगी उतनी खुशहाल नहीं थी। उनका रिश्ता उनसे कई साल बड़े फिल्ममेकर पी. एन. अरोड़ा से था। हेलेन ने भरोसे में आकर अपनी कमाई और संपत्ति का नियंत्रण अरोड़ा को दे दिया था। लेकिन उनका करियर नहीं चल रहा था और धीरे-धीरे वे हेलेन के साथ बुरा व्यवहार करने लगे। हालात इतने बिगड़े कि एक दिन अरोड़ा ने हेलेन को उनके ही घर से बाहर निकाल दिया और संपत्ति वापस देने से इंकार कर दिया।

बेबस होकर हेलेन ने अपने करीबी दोस्तों दिलीप कुमार और सलीम खान से मदद मांगी। दिलीप कुमार ने पहले खुद करीम लाला से संपर्क करने की कोशिश की। जब संपर्क नहीं हो पाया, तो उन्होंने एक नोट लिखा और हेलेन को कहा कि वह तुरंत लाला तक पहुंचाएं।

करीम लाला, जिनका असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था, 1920 के दशक में अफगानिस्तान से बॉम्बे आए थे और बाद में ‘ पठान गैंग’ के सरगना बने। शराब, जुए और वसूली के धंधे पर उनका दबदबा था। लेकिन उनकी एक खास पहचान यह भी थी कि वे महिलाओं का गहरा सम्मान करते थे।

किताब के अनुसार, जब हेलेन लाला के दरबार में पहुंचीं, तो भीड़ ने उन्हें पहचान लिया। लाला ने नोट पढ़ने के बाद अपनी पत्नी फातिमा के पास भेजा और फिर खुद भी उनसे मिले। हेलेन की परेशानी सुनकर उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका घर उन्हें वापस मिल जाएगा और कहा कि कुछ घंटों बाद वह घर पहुंचें।

जैसे ही हेलेन अपने घर पहुंचीं, उन्हें पता चला कि अरोड़ा घर छोड़कर जा चुका है। उनके सारे सामान ज्यों के त्यों थे और गार्ड के पास चाबी रखी हुई थी। किताब लिखती है — “करीम लाला की एक चेतावनी ने काम कर दिया था।”

करीम लाला का निधन 2002 में हुआ, और इससे मुंबई अंडरवर्ल्ड के एक युग का अंत हो गया। यह किताब, जिसकी कीमत 999 रुपये है, पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई है और शुक्रवार को मुंबई में रिलीज़ होगी।