शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर लुकआउट नोटिस, 60 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
By : hashtagu, Last Updated : September 5, 2025 | 3:32 pm
मुंबई: मुंबई की ग्लिट्ज़ और ग्लैमर से भरी दुनिया में एक और हाई-प्रोफाइल विवाद सामने आया है। इस बार मामला सिर्फ चर्चित नामों या रियलिटी शो की सुर्खियों तक सीमित नहीं, बल्कि सीधे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के दरवाज़े तक पहुंच गया है। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर अब लुकआउट सर्कुलर जारी हो चुका है। वजह है कारोबारी दीपक कोठारी का 60.48 करोड़ का गंभीर आरोप।
ये विवाद 2015 में शुरू हुआ था, जब दीपक कोठारी की मुलाकात एजेंट राजेश आर्या के ज़रिए शिल्पा और राज से हुई। उस वक्त दोनों ‘बेस्ट डील टीवी’ नाम की कंपनी के डायरेक्टर थे। दस्तावेजों के मुताबिक, शिल्पा शेट्टी के पास कंपनी के 87% से अधिक शेयर थे। कोठारी का दावा है कि बिजनेस के विस्तार के लिए उन्हें लोन देने की बात हुई थी। 75 करोड़ की डील पर 12% सालाना ब्याज तय हुआ। लेकिन बाद में कहा गया कि टैक्स के कारण इसे निवेश के तौर पर दिखाया जाएगा, और रिटर्न हर महीने मिलेगा।
कोठारी ने अप्रैल 2015 में 31.95 करोड़ की पहली किश्त दी। फिर जुलाई 2015 से मार्च 2016 के बीच 28.54 करोड़ और भेजे। कुल मिलाकर 60.48 करोड़ की रकम ट्रांसफर हुई, जिसमें से एक भी पैसा वापस नहीं आया। कोठारी का यह भी कहना है कि शिल्पा ने अप्रैल 2016 में व्यक्तिगत गारंटी दी थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद कंपनी से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान कंपनी पर पहले से 1.28 करोड़ का कर्ज बकाया था, जिसकी जानकारी कोठारी को नहीं दी गई।
जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज मामला अब EOW के पास है क्योंकि रकम 10 करोड़ से ज्यादा है। जांच जारी है, और इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है, ताकि शिल्पा या राज देश छोड़कर भाग न सकें। पुलिस का कहना है कि ये दोनों अक्सर विदेश यात्रा करते हैं, जिससे जांच में बाधा आ सकती है।
उधर, शिल्पा और राज कुंद्रा के वकील एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह सिविल विवाद है, न कि आपराधिक मामला। उनका दावा है कि यह पूरा लेन-देन इक्विटी इन्वेस्टमेंट के तहत था और NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने 4 अक्टूबर 2024 को इसे निपटा भी दिया था। पाटिल ने यह भी कहा कि उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट ने अब तक 15 बार पुलिस स्टेशन जाकर सभी दस्तावेज सौंपे हैं। उन्होंने इसे “दुर्भावनापूर्ण” और “छवि बिगाड़ने की कोशिश” बताया।
अब सवाल ये उठता है कि अगर मामला NCLT में सुलझ चुका है, तो फिर पुलिस की जांच और लुकआउट नोटिस की क्या जरूरत थी? क्या ये सिविल विवाद से आगे बढ़ चुका है? या फिर कानूनी दांव-पेंच के बीच एक बड़ा आर्थिक अपराध दबाने की कोशिश हो रही है?
फिलहाल इतना तय है कि मामला जितना कानूनी है, उतना ही राजनीतिक और पब्लिक इमेज से जुड़ा हुआ भी। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पहले भी विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार दांव सिर्फ इमेज का नहीं, बल्कि कानून की गिरफ्त का है।


