दर्द, भय और उसके इलाज को शानदार अंदाज में पेश करती हैं एड्स पर बनी ये फिल्में

किसी ने सही कहा है कि फिल्में समाज का आईना होती हैं। फिल्मों का काम केवल रोमांस, एक्शन और ड्रामा नहीं बल्कि समय-समय पर उन समस्याओं पर भी

  • Written By:
  • Updated On - December 1, 2024 / 01:08 PM IST

मुंबई, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। किसी ने सही कहा है कि फिल्में समाज का आईना होती हैं। फिल्मों का काम केवल रोमांस, एक्शन और ड्रामा नहीं बल्कि समय-समय पर उन समस्याओं पर भी प्रकाश डालना है, जो समाज में घट रही हैं। एड्स के मरीजों के दर्द को समझ पाना वास्तव में उतना ही कठिन है, जितना समंदर को मीठा कर पाना। हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री ने कई ऐसी फिल्मों का निर्माण (Production of films) किया है, जो एड्स पर खुलकर बात करती हैं।

दुनिया भर में 1 दिसंबर को एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) दिवस मनाया जाता है। एड्स के मरीज आज भी उसी दर्द के सागर में खुद को पाते हैं, जहां कल थे। हालांकि, इस खतरनाक बीमारी के बारे में सटीक जानकारी और जागरूकता दो बड़े हथियार साबित हो सकते हैं और इस मामले में इन फिल्मों ने काम किया है।

ये फिल्में न केवल मरीजों की संवेदना को छूती हैं, कई मिथकों को भी तोड़ती नजर आती हैं। ऐसे में बॉलीवुड में इस गंभीर विषय पर बनी फिल्मों पर डालिए एक नजर।

‘प्यार में कभी कभी’ साल 1999 में रिलीज हुई थी। फिल्म भले ही पूरी तरह से एड्स पर नहीं थी, लेकिन कहानी में शानदार तरीके से एड्स की समस्या को दिखाया गया है। दरअसल, फिल्म के नायक को ही एड्स हो जाता है और पूरी कहानी एक अलग दिशा में मुड़ जाती है। फिल्म में डिनो मोरिया के साथ लीड रोल में रिंकी खन्ना और संजय सूरी हैं।

सलमान खान, शिल्पा शेट्टी और अभिषेक बच्चन स्टारर फिल्म ‘फिर मिलेंगे’ साल 2004 में रिलीज हुई थी। फिल्म का विषय वास्तव में शानदार कहा जा सकता है। रेवती मेनन के निर्देशन में बनी फिल्म में एड्स को न केवल एक समस्या के रूप में बल्कि उससे लड़ने, जागरूकता और समाज के योगदान को शानदार अंदाज में दिखाया गया।

साल 2005 में रिलीज ‘माई ब्रदर निखिल’ एड्स पर बनी फिल्म है। इममें लीड रोल अभिनेत्री जूही चावला के साथ संजय सूरी और पुराब कोहली ने प्ले किया था। फिल्म का निर्देशन ओनिर ने किया है।