सेहत और सुंदरता के लिए अमृत हैं पान के पत्ते, जानें फायदे और उगाने का तरीका
By : hashtagu, Last Updated : September 7, 2025 | 12:37 pm
नई दिल्ली। भारतीय परंपरा (Indian traditional) में पान के पत्ते सिर्फ धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी यह किसी औषधि से कम नहीं। पान के पत्तों में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण इसे एक प्राकृतिक हीलिंग एजेंट बनाते हैं। अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार, पान के पत्ते संक्रमण से लड़ने, सूजन कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं।
आयुर्वेद में पान का उपयोग सदियों से खांसी, सर्दी-जुकाम, गले की खराश और मुंह की दुर्गंध जैसी आम समस्याओं के इलाज में किया जा रहा है। इसके पत्ते चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और सांसों में ताजगी आती है। इसके पीछे कारण है इसके प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल गुण, जो मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि पान का पत्ता एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर भी माना जाता है।
पाचन संबंधी समस्याओं के लिए भी पान बेहद फायदेमंद है। यह गैस, अपच और पेट की अम्लता को नियंत्रित करने में कारगर माना जाता है। नियमित रूप से पान के पत्तों का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, पान के पत्तों में विटामिन C और कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
अगर आप पान के इन लाभों का घरेलू स्तर पर लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसकी बेल को घर में उगाना एक बेहतरीन विकल्प है। पान की बेल अधिक धूप पसंद नहीं करती, इसलिए इसे बालकनी, बरामदे या छायादार दीवार के पास उगाया जा सकता है। इसे बीज से नहीं बल्कि टहनी से उगाया जाता है। करीब 5-6 इंच लंबी टहनी को नम मिट्टी में लगाकर, जिसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट हो, धीरे-धीरे पानी दें। गर्मियों में सीधी धूप से बचाएं और पत्तों पर हल्का पानी छिड़कते रहें ताकि नमी बनी रहे। सर्दियों में पानी कम देना चाहिए, लेकिन मिट्टी को पूरी तरह सूखने न दें। पत्तों पर कीड़े लगने पर नीम के पानी या घरेलू कीटनाशक का इस्तेमाल करें।
पान की बेल न केवल आपको ताज़ा और औषधीय पत्ते देती है, बल्कि आपके घर की प्राकृतिक सुंदरता को भी बढ़ाती है। इसके नियमित उपयोग से आप न केवल छोटी-मोटी बीमारियों से बच सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर भी कदम बढ़ा सकते हैं।



