टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर आना ही काफी नहीं, असली हीलिंग उसके बाद शुरू होती है: एक्सपर्ट की सलाह
By : dineshakula, Last Updated : September 7, 2025 | 12:32 pm
Toxic Relationship: रिश्ते हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं। सही रिश्ते हमें संबल देते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और खुद से जुड़ने में मदद करते हैं। लेकिन वहीं, टॉक्सिक रिश्ते धीरे-धीरे आत्म-सम्मान, भावनात्मक स्थिरता और भविष्य के सपनों को चुराने लगते हैं। लोग अक्सर मानते हैं कि एक टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलते ही सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन सच्चाई यह है कि असली हीलिंग उस मोड़ के बाद शुरू होती है।
सोमवार को न्यूट्रिशनिस्ट राशी चौधरी ने इंस्टाग्राम पर एक बेहद व्यक्तिगत वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने 8 साल लंबे टॉक्सिक रिलेशनशिप और उसके बाद 3 साल तक एक हेल्दी रिलेशनशिप में रहने के अनुभव को बेहद ईमानदारी से साझा किया। उनका अनुभव कई लोगों के दिलों को छू गया।
1. हाइपर-इंडिपेंडेंस बन जाती है आदत
राशी ने बताया कि उनके पुराने रिश्ते में उन्हें कभी अपने पार्टनर पर भावनात्मक या व्यवहारिक रूप से भरोसा नहीं था। इस अनिश्चितता ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे हर चीज़ खुद ही हैंडल करें। “मैं खुद ही वो इंसान बन गई, जिससे मुझे उम्मीद थी कि वो हमेशा मेरे लिए रहेगा।” आज भी, एक सुरक्षित और अच्छे रिश्ते में होने के बावजूद, उन्हें किसी से मदद लेना कठिन लगता है।
2. शांति पहले-पहल उबाऊ लगती है
अगर आप लंबे समय तक अस्थिरता, टकराव और चिंता से जूझे हों, तो शांत और स्थिर रिश्ता अजनबी सा लगता है। राशी कहती हैं, “आप कहेंगे कि ‘वो मेरा टाइप नहीं है’, लेकिन असल में आपका टाइप सिर्फ वो है जिसमें अस्थिरता, चिंता और ऐड्रिनलिन होता है।” यह आपके पार्टनर की कमी नहीं, बल्कि आपके नर्वस सिस्टम की आदत होती है, जो अभी भी सर्वाइवल मोड में है।
3. सबसे दर्दनाक असर: सपने देखना बंद कर देना
सबसे गहरा असर जो राशी ने बताया, वह यह था कि टॉक्सिक रिश्ते इंसान की लंबे समय तक सोचने और भविष्य की कल्पना करने की क्षमता को खत्म कर देते हैं। घर खरीदने या जन्मदिन वीकेंड प्लान करने जैसी साधारण चीज़ें भी असंभव लगती हैं, क्योंकि भविष्य की कोई स्पष्टता नहीं होती। “आपका दिमाग उन हिस्सों को एक्सेस करना बंद कर देता है जो विज़न और इमैजिनेशन से जुड़े होते हैं, क्योंकि आप कुछ बना नहीं रहे होते, आप सिर्फ सर्वाइव कर रहे होते हैं,” उन्होंने कहा।
लेकिन इसी के साथ उन्होंने उम्मीद की एक किरण भी दिखाई। राशी ने कहा कि जब आप खुद को चुनते हैं और धीरे-धीरे खुद को दोबारा बनाना शुरू करते हैं, तो एक दिन आप फिर से सपने देख पाएंगे। हीलिंग का रास्ता आसान नहीं, लेकिन मुमकिन जरूर है।
उनका संदेश दोष देने का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी लेने का था — अंदर की दुनिया को समझना, टूटे पैटर्न्स को पहचानना और अपने लिए बेहतर भविष्य तैयार करना ही असली बदलाव है। “आपके अंदर एक ऐसा वर्जन है, जो एक दिन फिर से सपने देखने से नहीं डरेगा,” राशी ने वादा किया।
जो लोग अभी भी किसी टॉक्सिक रिश्ते के बाद की उलझनों में फंसे हैं, उनके लिए राशी चौधरी का यह वीडियो एक ताकतवर याद दिलाता है — कि healing एक रात में नहीं होती, लेकिन हर दिन मुमकिन होती है।