महिलाओं की रक्त वाहिकाओं पर कोविड-19 संक्रमण का बुरा असर: शोध

By : hashtagu, Last Updated : August 18, 2025 | 1:15 pm

नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid 19)  संक्रमण के बाद महिलाओं की रक्त वाहिकाओं पर गहरे नकारात्मक प्रभाव की चेतावनी एक नए शोध में सामने आई है। इस अध्ययन में यह पाया गया है कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की रक्त वाहिकाओं में ऐसे परिवर्तन देखे गए, जो सामान्यत: उम्र बढ़ने के साथ होते हैं, लेकिन कोविड ने इन्हें समय से पहले ही उत्पन्न कर दिया। इस स्थिति के कारण धमनियां सख्त हो जाती हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।

रक्त वाहिकाओं में उम्र संबंधी परिवर्तन

वृद्धावस्था के साथ रक्त वाहिकाएं स्वाभाविक रूप से सख्त होने लगती हैं, जो धमनियों के लचीलापन को कम कर देती हैं। इससे हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण के कारण यह प्रक्रिया तेजी से हो सकती है, और इसके चलते हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

शोध के परिणाम

यह अध्ययन यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें 16 देशों (जैसे ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, ग्रीस, अमेरिका, आदि) के 2,390 लोगों को शामिल किया गया। यह अध्ययन 2020 के सितंबर से 2022 के फरवरी तक किया गया। शोध के नतीजे बताते हैं कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की धमनियां उन लोगों की तुलना में अधिक कठोर थीं, जो संक्रमित नहीं हुए थे, और यह प्रभाव विशेष रूप से महिलाओं में अधिक पाया गया।

महिलाओं पर अधिक प्रभाव

विशेष रूप से, उन महिलाओं में यह प्रभाव अधिक देखने को मिला, जिन्होंने लॉन्ग कोविड के लक्षणों का अनुभव किया जैसे कि सांस की तकलीफ और थकान। प्रोफेसर रोजा मारिया ब्रूनो ने कहा, “महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली तेज और मजबूत होती है, जो उन्हें शुरुआती संक्रमण से बचा सकती है, लेकिन यह रक्त वाहिकाओं को अधिक नुकसान भी पहुंचा सकती है।”

कोविड-19 वैक्सीनेशन का प्रभाव

शोध में यह भी पाया गया कि जिन्होंने कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन ली थी, उनकी धमनियां आमतौर पर उन लोगों की तुलना में कम कठोर थीं जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। इस अध्ययन के दौरान यह भी देखा गया कि कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी उम्र बढ़ने की स्थिति धीरे-धीरे स्थिर होती दिखी या उसमें थोड़ा सुधार हुआ।

यह अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि कोविड-19 केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही असर नहीं डालता, बल्कि इसके लंबे समय तक असर रक्त वाहिकाओं पर भी होते हैं। महिलाओं को विशेष रूप से इस प्रभाव से अधिक बचाव की आवश्यकता हो सकती है।