दिल की बीमारियों से भी बचा सकती हैं वजन घटाने वाली दवाएं: नई रिसर्च का खुलासा
By : hashtagu, Last Updated : September 2, 2025 | 5:20 am
नई दिल्ली: मोटापा (obesity) सिर्फ शरीर की सुंदरता को नहीं, बल्कि स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है — खासकर दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है। लेकिन अब एक नई अमेरिकी रिसर्च ने यह साबित किया है कि वजन घटाने वाली दवाएं, जो अब तक सिर्फ मोटापा कम करने के लिए जानी जाती थीं, वे दिल की बीमारियों से भी बचाव में मददगार हो सकती हैं।
यह रिसर्च अमेरिका के ‘मास जनरल ब्रिघम’ नामक मेडिकल ग्रुप द्वारा की गई है, जो बोस्टन स्थित एक प्रतिष्ठित गैर-लाभकारी संगठन है। रिसर्च को हाल ही में स्पेन के मैड्रिड में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े हृदय रोग सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया, जहां इसके नतीजों ने चिकित्सा जगत का ध्यान खींचा।
क्या कहती है रिसर्च?
रिसर्च में विशेष रूप से सेमाग्लूटाइड (Ozempic) और टिर्जेपेटाइड दवाओं का परीक्षण किया गया। इनका उपयोग 90,000 से अधिक ऐसे मरीजों पर किया गया, जो दिल की बीमारी, मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित थे।
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सेमाग्लूटाइड लेने वाले मरीजों में समय से पहले मृत्यु या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 42% तक कम हो गई।
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वहीं, टिर्जेपेटाइड लेने वालों में यह जोखिम 58% तक घट गया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दवाएं केवल वजन घटाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी भूमिका निभा सकती हैं।
ओजेम्पिक (Ozempic) क्या है?
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सेमाग्लूटाइड को आम तौर पर ब्रांड नाम ओजेम्पिक के नाम से जाना जाता है।
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यह एक साप्ताहिक इंजेक्शन है, जिसे FDA ने 2017 में टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए मंजूरी दी थी।
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यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करके ब्लड शुगर को घटाने में मदद करता है।
सावधानी जरूरी है
हालांकि भारत में भी ये दवाएं धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही हैं — यहां तक कि कुछ बॉलीवुड सितारे भी इनके इस्तेमाल से वजन कम कर चुके हैं — लेकिन डॉक्टरों की चेतावनी है कि:
❝इन दवाओं का सेवन कभी भी अपने मन से न करें। ये कोई सामान्य दवाएं नहीं हैं और इनका उपयोग केवल विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह व निगरानी में ही करना सुरक्षित होता है।❞
इस रिसर्च के नतीजे यह संकेत देते हैं कि भविष्य में वजन घटाने वाली दवाएं हृदय रोगियों के इलाज का एक नया और प्रभावी विकल्प बन सकती हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल पूरी तरह चिकित्सकीय परामर्श और निगरानी में ही किया जाना चाहिए।




