महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम का कहर, 11 की मौत, 193 मामले दर्ज
By : madhukar dubey, Last Updated : March 5, 2025 | 9:30 am

मुंबई, (आईएएनएस)। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग (Maharashtra Health Department) ने मंगलवार को गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों में वृद्धि की जानकारी दी है। अब तक 193 मरीजों को जीबीएस से प्रभावित होने का पता चला है, जबकि 29 मामलों को संदेहास्पद जीबीएस केस (Gbs case) के रूप में चिन्हित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस गंभीर स्थिति के कारण राज्य में अब तक कुल 11 मौतें हुई हैं। इनमें से 6 मौतों को जीबीएस के कारण ही पुष्टि की गई है, जबकि 5 मौतें संदेहास्पद जीबीएस मामलों के रूप में दर्ज की गई हैं।
जीबीएस से प्रभावित मरीजों का अधिकांश हिस्सा पुणे और आसपास के क्षेत्रों से है। पुणे महानगरपालिका क्षेत्र (पीएमसी) के 95 मरीज, पुणे नगर निगम के 44 मरीज और पिंपरी चिंचवड नगर निगम के 33 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 36 मरीज और अन्य जिलों से 14 मरीज इस लिस्ट में शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुल 173 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, 29 मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। जबकि 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
उल्लेखनीय कि 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की। केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे कि उबला हुआ, बोतलबंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडा, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना।