Hair Fall: बारिश का मौसम भले ही ठंडक और राहत लेकर आता है, लेकिन यह बालों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। इस मौसम में बाल झड़ने की समस्या अचानक बढ़ जाती है। हवा में मौजूद नमी, स्कैल्प पर जमा गंदगी, और शरीर के अंदर होने वाले दोषों का असंतुलन मिलकर बालों की जड़ों को कमजोर कर देते हैं। आयुर्वेद मानता है कि बरसात के मौसम में पाचन अग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे पित्त और वात दोष बढ़ते हैं। ये दोष बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचने में रुकावट डालते हैं, और परिणामस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं।
विज्ञान भी इस स्थिति को गलत नहीं ठहराता। स्कैल्प पर जमा फंगल इंफेक्शन, डैंड्रफ और नमी के कारण बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं। खासकर जब आप बारिश के पानी में भीगते हैं या देर तक गीले बालों के साथ रहते हैं, तब यह समस्या और गहरी हो जाती है।
ऐसे में घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे काफी राहत दे सकते हैं। दही एक ऐसा ही उपाय है, जो बालों के लिए नेचुरल टॉनिक की तरह काम करता है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड और प्रोबायोटिक्स न सिर्फ स्कैल्प को साफ रखते हैं, बल्कि खुजली और डैंड्रफ को भी कम करते हैं। इसके अलावा दही बालों को प्राकृतिक रूप से कंडीशन करता है और उनमें नमी बरकरार रखता है।
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, इस मौसम में नारियल तेल से नियमित मालिश करने से बालों की जड़ों में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे वे मज़बूत बनते हैं। ब्राह्मी, आंवला और शिकाकाई जैसे हर्ब्स को शामिल करना बालों की सेहत को कई गुना सुधार सकता है। इसके साथ ही, तली-भुनी चीज़ों से बचकर हल्का और संतुलित आहार लेना भी फायदेमंद है।
तनाव और नींद की कमी भी बाल झड़ने का बड़ा कारण बनती है। ऐसे में जीवनशैली में सुधार, योग और प्राणायाम को अपनाना भी बालों को गिरने से रोकने में मदद कर सकता है। कुल मिलाकर, इस मौसम में बालों की देखभाल में लापरवाही न बरतें। नियमित ध्यान और आयुर्वेदिक देखरेख से न सिर्फ बालों का झड़ना रुकेगा, बल्कि वो पहले से ज्यादा चमकदार और घने दिखेंगे।