रात में बत्ती जलाकर सोने से हो सकता है दिल पर बुरा असर, जानिए क्यों
By : ira saxena, Last Updated : November 11, 2025 | 4:26 pm
नई दिल्ली, 11 नवंबर 2025: अगर आप रात में बत्ती जलाकर सोते हैं तो यह आपके दिल की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ताजे अध्ययन के अनुसार, सोते समय कृत्रिम रोशनी का प्रभाव शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़ सकता है, जिससे हृदय गति बढ़ सकती है, मेटाबोलिज़्म प्रभावित हो सकता है, और लंबी अवधि में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
हार्वर्ड हेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक, रात में बत्ती जलाकर सोने से शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सर्केडियन रिदम में गड़बड़ी हो जाती है। जब शरीर को रात में रोशनी मिलती है, तो मेलाटोनिन का उत्पादन रुक जाता है, जो हमें सोने का संकेत देता है। इस कारण शरीर का आराम और पुनर्निर्माण का प्राकृतिक चक्र प्रभावित होता है।
इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन में यह भी सामने आया है कि रात में बत्ती के नीचे सोने से इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या बढ़ सकती है, जिससे डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। फरीदाबाद में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग रात में अधिक रोशनी में सोते थे, उनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, हृदय विफलता, और एट्रियल फिब्रिलेशन जैसे हृदय रोगों के मामलों की संख्या अधिक थी।
नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि एक रात की हल्की रोशनी के संपर्क में आने से दिल की धड़कन में वृद्धि और सहानुभूति तंत्रिका तंत्र (sympathetic nervous system) की सक्रियता बढ़ जाती है। यह शरीर पर तनाव पैदा करता है और लंबे समय तक दिल पर दबाव डाल सकता है।
अगर आप अपने दिल की सेहत को बेहतर रखना चाहते हैं तो सबसे अच्छा है कि आप रात में पूरी तरह से अंधेरे में सोने की आदत डालें। इसके लिए आप बत्तियां, टीवी और अन्य उपकरण बंद कर सकते हैं, पर्दे पूरी तरह से बंद कर सकते हैं और आंखों पर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन से दूर रहना भी मददगार हो सकता है।
इन साधारण उपायों से न केवल आपकी नींद बेहतर होगी, बल्कि आपका मेटाबोलिज़्म भी ठीक रहेगा और हृदय रोग का खतरा भी कम होगा।




