भोपाल: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच EVM के आदान-प्रदान को लेकर एक अहम समझौता (MoU) हुआ है। इसके तहत मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए 25 हजार कंट्रोल यूनिट और 75 हजार बैलेट यूनिट किराए पर देगा।
इस समझौते को सहयोगी संघवाद (Cooperative Federalism) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि आयोग अन्य राज्यों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी सहयोग दे रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग को EVM मशीनें मुहैया कराई गई थीं।
महाराष्ट्र को EVM की जरूरत क्यों पड़ी?
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे ने बताया कि राज्य में एक साथ कई स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। इतनी बड़ी संख्या में चुनाव कराने के लिए अतिरिक्त EVM की आवश्यकता थी, जिसे मध्य प्रदेश की मदद से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने इस सहयोग के लिए मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग का आभार जताया।
किराया और शर्तें:
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि एक कंट्रोल यूनिट और उससे जुड़ी तीन बैलेट यूनिट का किराया 1000 रुपये तय किया गया है। इस हिसाब से महाराष्ट्र से कुल 2 करोड़ 50 लाख रुपये बतौर प्रतिभूति राशि (security deposit) ली जाएगी।
EVM की वापसी और निगरानी टीम:
जैसे ही महाराष्ट्र में चुनाव संपन्न होंगे, मशीनों को वापस मध्यप्रदेश भेजा जाएगा। इस पूरे एमओयू की निगरानी के लिए चार वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है—जिसमें दो अधिकारी मध्यप्रदेश से और दो महाराष्ट्र से होंगे।
यह समझौता न केवल दो राज्यों के बीच संसाधनों के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि इससे EVM जैसी संवेदनशील व्यवस्था की सुरक्षा और जवाबदेही भी सुनिश्चित होती है।