भोपाल में सीएम विष्णु देव साय ने देखी PIN तकनीक की प्रस्तुति, छत्तीसगढ़ में लागू करने के निर्देश
By : hashtagu, Last Updated : December 7, 2025 | 10:19 pm
By : hashtagu, Last Updated : December 7, 2025 | 10:19 pm
भोपाल: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) को रविवार को भोपाल में मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने सिंचाई की उन्नत तकनीक ‘प्रेशर इरिगेशन नेटवर्क’ (PIN) पर व्यापक प्रस्तुति दी। राजौरा ने बताया कि यह तकनीक पारंपरिक नहर आधारित सिंचाई की तुलना में अधिक आधुनिक, कुशल और जल संरक्षण के अनुरूप है।
प्रस्तुति के अनुसार पारंपरिक नहर प्रणाली में जहां सिंचाई दक्षता लगभग 35 प्रतिशत होती है, वहीं PIN प्रणाली में यह बढ़कर 65 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। इस तकनीक में प्रेशर आधारित पाइपलाइनों से सीधे खेतों तक पानी पहुंचाया जाता है, जिससे रिसाव और अपव्यय लगभग समाप्त हो जाता है। साथ ही बिजली की भी उल्लेखनीय बचत होती है और भू-अधिग्रहण की जरूरत बहुत कम पड़ती है, जिससे परियोजनाएं समय पर और कम लागत में पूरी की जा सकती हैं।
मध्यप्रदेश में फिलहाल 13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में PIN प्रणाली से सिंचाई हो रही है और इसे आने वाले वर्षों में 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इस तकनीक से जल उपयोग दक्षता बढ़ने के साथ किसानों की उत्पादकता और सिंचाई सुविधा में भी बड़ा सुधार दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक जल प्रबंधन की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “हम इस तकनीक का छत्तीसगढ़ में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेंगे, ताकि किसानों को कम पानी में बेहतर सिंचाई और अधिक उत्पादन मिल सके। यह तकनीक जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और त्वरित क्रियान्वयन के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। भूमि अधिग्रहण किए बिना भी सिंचाई का लाभ दे पाने की इसकी क्षमता इसे और महत्वपूर्ण बनाती है।”
सीएम साय ने विभागीय अधिकारियों को PIN तकनीक के अध्ययन, परीक्षण और चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा, अधीक्षण यंत्री विकास राजोरिया और अधीक्षण यंत्री शुभंकर विश्वास मौजूद थे।
प्रस्तुति में यह भी स्पष्ट किया गया कि पारंपरिक नहर प्रणाली में पानी का बड़ा हिस्सा रिसाव, वाष्पीकरण और अनियंत्रित बहाव से व्यर्थ हो जाता है, जिससे पूरे कमांड एरिया में समान सिंचाई नहीं हो पाती। वहीं PIN तकनीक में नियंत्रित दबाव से पानी पाइपलाइनों द्वारा सीधे खेतों तक पहुंचता है, जिससे दक्षता 65 प्रतिशत से अधिक हो जाती है। इस प्रणाली में नहर निर्माण की जरूरत कम होने से लागत घटती है और पंपिंग दक्षता अधिक होने से बिजली की बचत होती है। इससे फसल उत्पादकता, जल प्रबंधन और किसानों की आय में सुधार जैसे कई लाभ मिलते हैं।