दिग्विजय सिंह की सक्रियता के हैं सियासी मायने
By : hashtagu, Last Updated : January 29, 2024 | 10:23 am
कांग्रेस ने चुनावी रणनीति के तहत ओबीसी से नाता रखने वाले पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। जनजाति वर्ग के उमंग सिंगार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है और ब्राह्मण वर्ग के हेमंत कटारे को उप नेता की जिम्मेदारी सौंप गई है। यह सब कुछ राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार मिलने के बाद हुआ है।
पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश का प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को बनाया है। उसके बाद लोकसभा स्तर पर प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं और इन प्रभारी ने दौड़े भी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां नवनियुक्त पदाधिकारी के अलावा प्रभारी की सक्रियता बढ़ी है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले के मुकाबले राज्य की सियासत में सक्रियता कम हुई है, तो दूसरी ओर दिग्विजय सिंह लगातार दौरे कर रहे हैं।
कांग्रेस को करीब से जानने वाले राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि एक तरफ कमलनाथ की सक्रियता कम हुई है तो वहीं दिग्विजय सिंह की सक्रियता बड़ी है, इसका कारण है भंवर जितेन सिंह को प्रदेश प्रभारी बनाया जाना, जो कभी उनके करीबी रहे हैं। इतना ही नहीं, दिग्विजय के बेटे को भी लोकसभा चुनाव में क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह अब राज्य में अपनी मौजूदगी बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने ईवीएम का मसला भी जोरदार तरीके से उठाया और वे राज्य सरकार पर भी हमलावर हो रहे हैं। कुल मिलाकर दिग्विजय सिंह राज्य में अपनी ताकत को पहले से कहीं मजबूत करना चाहते हैं, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक युवा हैं और उनका प्रभाव पूरे राज्य में ज्यादा नहीं है।