भोपाल, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा (Former constable Saurabh Sharma)के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की करवाई शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस कार्रवाई में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उसके यहां से एटीएम कार्ड मिले हैं और यह भी पता चला है कि वह लेनदेन किस तरह से करता था।
सौरभ शर्मा के यहां पहले लोकायुक्त और आयकर विभाग(Lokayukta and Income Tax Department) की भी छापेमारी हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय की दूसरे दिन की कार्रवाई में कई एटीएम मिले हैं और ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो इस बात का खुलासा करते हैं कि वह किन लोगों से किस तरह से लेनदेन करता था। शर्मा के जयपुरिया कार्यालय में अलमारी में भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
ईडी की कार्रवाई में सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं जो उसकी कंपनी तथा सेल कंपनियों का खुलासा करने वाले हैं। जयपुरिया स्कूल के कार्यालय से भी सौरभ शर्मा अपने इरादों को अंजाम दिया करता था। चेतन सिंह के भी कई एटीएम जांच दल के हाथ लगे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय की शुक्रवार को शुरू हुई कार्रवाई भोपाल के अलावा जबलपुर और ग्वालियर में भी चली। सौरभ और चेतन के इन ठिकानों से भी जांच दल के हाथ महत्वपूर्ण दस्तावेज आए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, सौरभ शर्मा के खिलाफ ईडी ने पहले प्रकरण दर्ज किया था और शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों का दल उसके अरेरा कॉलोनी स्थित आवास और कार्यालय पर पहुंचा। इसके अलावा ग्वालियर और जबलपुर में भी दबिश दी गई थी। इस बार यह दल आधुनिक उपकरण लेकर भी पहुंचे हैं जिसमें मेटल डिटेक्टर आदि शामिल हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके एक कार्यालय में पिछले दिनों 250 किलोग्राम से अधिक चांदी मिली थी।
जहां यह तलाशी अभियान चल रहा है वहां बड़ी तादाद में सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती है। इतना ही नहीं भवन के भीतर सुरक्षा बलों और अधिकारियों के अलावा किसी और को जाने की अनुमति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई में सौरभ के ठिकानों से बड़ी तादाद में नकदी और चांदी बरामद हुई थी। इतना ही नहीं, एक कार से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड रुपये मिले थे। उसके बाद से सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी की पुलिस लगातार तलाश में है। उनका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
सौरभ शर्मा के करोड़पति होने का खुलासा होने के बाद राज्य की सियासत में भी हलचल है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे कई राजनेताओं का करीबी बताया जा रहा है और परिवहन विभाग में वह कांस्टेबल रहा है। कहा तो यहां तक जाता है कि पूरा विभाग ही उसकी मर्जी से चला करता था। परिवहन विभाग में तबादलों से लेकर परिवहन चैकियों पर नियुक्ति तक की कमान सौरभ शर्मा के हाथ हुआ करती थी।