मध्य प्रदेश की राजनीति में रचनाधर्मी भी सियासी पाले में

 राज्य में सियासी दलों की ओर से जहां एक दूसरे पर जनता की उपेक्षा से लेकर घपले घोटालों के आरोप लगाए जा रहे हैं तो वहीं लोक गायक से लेकर कवियों की तरफ से भी व्यंग्य के जरिए हमले किए जा रहे हैं।

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  • Publish Date - July 18, 2023 / 12:33 PM IST

भोपाल, 18 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा (Assembly) के चुनाव बीते चुनाव से जुदा रहने वाले हैं और यह अभी से नजर आने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ जहां राजनेताओं के सियासी हमले जारी हैं तो वहीं व्यंग्य का भी पुट आ गया है। इतना ही नहीं वे सियासी पाली में खड़े नजर तक आ रहे हैं।

राज्य में सियासी दलों की ओर से जहां एक दूसरे पर जनता की उपेक्षा से लेकर घपले घोटालों के आरोप लगाए जा रहे हैं तो वहीं लोक गायक से लेकर कवियों की तरफ से भी व्यंग्य के जरिए हमले किए जा रहे हैं। बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने एमपी में का बा के जरिए शिवराज सिंह चौहान सरकार पर तो हमले किए ही हैं, साथ में व्यक्तिगत तौर पर भी तंज कसे हैं। वहीं सुनील साहू ने सरकार की योजनाएं गिनाते हुए भाजपा की प्रशंसा की है।

इस मामले में अनामिका अंबर नाम की कवि की भी एंट्री हो गई है और उन्होंने मामा मैजिक कर सोशल मीडिया पर एक कविता साझा की है। कुल मिलाकर राज्य की राजनीति में देखें तो इस बार सियासी नेता तो एक दूसरे को घेरने में लगे ही हैं, दूसरी ओर जनता के बीच अपनी रचना धर्मी के तौर पर पहचान बना चुके कलाकार की सियासी पाले में खड़े नजर आ रहे हैं।

नेहा सिंह राठौर की एमपी में का बा पर शिवराज सिंह चौहान ने भी सवाल उठाए। नेहा का उन्होंने नाम तो नहीं लिया, मगर जनता से इतना जरूर कहा — क्या मैं आपको कंस मामा नजर आता हूं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने तो राज्य में व्यापम का बा और घोटाले का बा तक का जिक्र कर सरकार को घेरा।