अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर MP में सफलता चीतों की संख्या 32 पहुँची कूनो में नए चीते होंगे आजाद
By : hashtagu, Last Updated : December 4, 2025 | 12:30 pm
श्योपुर मध्यप्रदेश: अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस (International Cheetah Day) के मौके पर मध्यप्रदेश ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी बड़ी उपलब्धि दर्ज कराई है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य में चीतों की कुल संख्या अब बढ़कर बत्तीस हो गई है। तीन साल पहले शुरू हुआ प्रोजेक्ट चीता आज देश और दुनिया में सफल संरक्षण मॉडल के रूप में पहचान बना चुका है।
इस अवसर पर एपीसीसीएफ और निदेशक लॉयन प्रोजेक्ट ने बताया कि चीता परिवार की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक परिवेश में अनुकूलन सुनिश्चित करने के लिए उन्नत रेडियो ट्रैकिंग प्रणाली के साथ फील्ड टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस का उद्देश्य चीतों की घटती आबादी और आवास हानि के प्रति लोगों को जागरूक करना है। कार्यक्रम कूनो के परोंड वन क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है जहां चीता परिवार की मौजूदगी से ईको पर्यटन को भी नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रोजेक्ट चीता केवल एक संरक्षण कार्यक्रम नहीं बल्कि भारत की खोई हुई पर्यावरणीय विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज भारत कई चीतों का घर है और बड़ी संख्या में चीते भारतीय धरती पर जन्म ले रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चीता टूरिज्म लोकप्रिय हो रहा है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में चीतों की बढ़ती संख्या वन्यजीव संरक्षण के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में चीतों की संख्या बत्तीस तक पहुंचना गर्व की बात है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रोजेक्ट चीता को इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है और पिछले तीन वर्षों में पांच मादा चीतों ने छह बार शावकों को जन्म देकर परियोजना की सफलता साबित की है।
अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता वीरा और उसके दस माह के दो शावकों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ेंगे। इसके साथ ही वे वर्ष दो हजार छब्बीस का कूनो राष्ट्रीय उद्यान कैलेंडर और फील्ड मैनुअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री रेंजिंग चीताज़ का विमोचन करेंगे। नई सovenir shop का लोकार्पण भी इसी अवसर पर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सत्रह सितंबर दो हजार बाईस को नामीबिया से आठ चीतों को कूनो लाकर प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत हुई थी। बेहतर प्रबंधन और सतत निगरानी की वजह से अब चीतों ने भारतीय माहौल को पूरी तरह अपना लिया है। वे भारतीय शिकार जैसे चीतल के साथ भी सफल अनुकूलन दिखा रहे हैं। लगातार बढ़ता चीता परिवार इस परियोजना की उल्लेखनीय सफलता का प्रमाण है और मध्यप्रदेश को एशिया में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में नई पहचान दिला रहा है।



