MP के छिंदवाड़ा में किडनी संक्रमण से 22 दिन में 7 बच्चों की मौत, कोइलांचल इलाके में बढ़ा खतरा

इस तरह के मामले जिले के तामिया और आसपास के कोइलांचल इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। यहां कुछ और बच्चों का इलाज निजी अस्पतालों में जारी है।

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  • Publish Date - September 30, 2025 / 02:34 PM IST

छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश:  मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा (Chhindwara)  जिले में किडनी संक्रमण के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बीते 22 दिनों में इस संक्रमण से सात बच्चों की मौत हो चुकी है। सबसे ताज़ा मामला चार साल के विकास यदुवंशी का है, जिसकी मौत नागपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि मृत बच्चा छिंदवाड़ा के दिघवानी गांव का रहने वाला था और शनिवार को उसकी मौत हुई, जिसके बाद रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस तरह के मामले जिले के तामिया और आसपास के कोइलांचल इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। यहां कुछ और बच्चों का इलाज निजी अस्पतालों में जारी है।

छिंदवाड़ा के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सभी सरकारी डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरी सतर्कता के साथ बच्चों की जांच करें और जरूरत पड़ने पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराएं।

कलेक्टर ने बताया कि जिन मरीजों की हालत गंभीर है, उन्हें नागपुर स्थित एम्स में रेफर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी फोन पर बातचीत कर बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। ज़रूरत पड़ने पर ‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा’ का भी उपयोग किया जाएगा।

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक पटेल ने बताया कि अब तक एक से सात साल की उम्र के सात बच्चों की मौत हो चुकी है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक टीम ने हाल ही में प्रभावित गांवों का दौरा किया और पानी व अन्य सैंपल लिए हैं।

भोपाल से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घरों से पानी के नमूने एकत्र कर उन्हें पुणे की लैब में जांच के लिए भेजा है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत का असली कारण क्या है।

कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरेश गुन्नाडे ने बताया कि पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था और पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी।

संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार और पेशाब करने में कठिनाई शामिल है।

फिलहाल तीन बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा में और चार का नागपुर में चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सभी की हालत फिलहाल स्थिर है और खतरे से बाहर हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है और ग्रामीणों से साफ पानी पीने और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की अपील की है।