मध्य प्रदेश में कम मतदान प्रतिशत ने सियासी दलों की बढ़ाई चिंता
By : hashtagu, Last Updated : May 14, 2024 | 11:20 pm
राज्य में सभी 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान हुआ। इस बार कुल मतदान का प्रतिशत वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले लगभग 5 प्रतिशत कम रहा है। पिछले दो चुनाव और वर्तमान चुनाव के मतदान प्रतिशत पर गौर करें तो वर्ष 2014 के चुनाव में 61.61 प्रतिशत मतदान हुआ था तो वहीं 2019 के चुनाव में 71.16 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे। वहीं, इस बार के चुनाव में यह प्रतिशत 66.77 हो गया है।
चारों चरणों के मतदान प्रतिशत पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि हर चरण में मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव से कम रहा है। पहले चरण में 19 अप्रैल को जिन छह सीटों पर मतदान हुआ था, वहां वर्ष 2019 के मुकाबले लगभग 7.5 प्रतिशत कम वोट पड़े। इसी तरह दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हुआ, जो वर्ष 2019 के मुकाबले लगभग नौ प्रतिशत कम रहा था।
तीसरे चरण में 7 मई को मतदान हुआ, वह वर्ष 2019 के चुनाव के मतदान से एक प्रतिशत से भी कम का अंतर रहा। चौथे चरण में भी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से लगभग चार प्रतिशत कम वोट पड़े।
राज्य में लोकसभा चुनाव में हुए कम मतदान ने सभी उम्मीदवारों से लेकर राजनीतिक दलों की भी चिंता बढ़ा दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि प्रदेश की जनता ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए मतदान किया है। राज्य की सभी 29 सीटों पर भाजपा को जीत मिलेगी।
कांग्रेस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि इस बार जो नतीजे आएंगे, वह चौंकाने वाले होंगे। देश और प्रदेश की जनता भाजपा की गारंटी को जान गई है कि झूठी है।