चाकघाट। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए 14 सितंबर को दिल्ली के प्रमुख जंतर मंतर (Delhi Jantar Mantar) में प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा (Prerna Hindi Pracharini Sabha) के आयोजन में देशभर से कवि, कवयित्री, साहित्यकार,शिक्षाविद, पत्रकार, समाजसेवी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। दिल्ली के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल जंतर मंतर में प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी संस्था के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रदीप मिश्र अजनबी के संचालन में सभा प्रारंभ की गई। सभा के मुख्य अतिथि डॉ देवी पन्थी एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं अध्यक्ष चारु साहित्य प्रतिष्ठान संस्थान व अध्यक्षता डॉ घनश्याम न्योपाने परिश्रमी नेपाल, एसोसिएट प्रोफेसर त्रिभुवन विश्वविद्यालय एवं कुलपति बर्दघाट प्रज्ञा प्रतिष्ठान नवलपरासी नेपाल व विशिष्ट अतिथि डॉ हरेन्द्र हर्ष बुलंदशहर रहे।
जंतर मंतर में ऐतिहासिक सभा व प्रदर्शन में मनीषियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु विचार अभिव्यक्त किया और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपने विचार व्यक्त किए। सायंकाल करोलबाग में डीआईएस संस्थान के सभागार में देशभर के साहित्यकार एवं कविओं ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के मुद्दे पर अपने विचार रखे।
(रामलखन गुप्त)
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