मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले: ‘मिशन वात्सल्य’ योजना 5 साल जारी, सोलर पंप नियमों में बदलाव

मंत्रिपरिषद द्वारा प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सोलर पंप स्थापना की क्षमता में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। अब किसान स्वीकृत क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प चुन सकेंगे।

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  • Publish Date - November 18, 2025 / 08:24 PM IST

भोपाल, 18 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मंगलवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट ने मिशन वात्सल्य योजना के तहत गैर संस्थागत सेवाओं को अगले पाँच वर्षों तक प्रदेश के सभी जिलों में जारी रखने की स्वीकृति दी है। इस योजना के अंतर्गत योग्य बच्चे को ₹4,000 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को ‘आफ्टर केयर’ के माध्यम से रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन पर कुल ₹1,022.40 करोड़ का व्यय होगा, जिससे राज्य के 33,346 बच्चे लाभान्वित होंगे। लाभार्थियों में विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्त माता के बच्चे, अनाथ बच्चे, असाध्य बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे शामिल हैं।

मंत्रिपरिषद द्वारा प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सोलर पंप स्थापना की क्षमता में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। अब किसान स्वीकृत क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का विकल्प चुन सकेंगे। इसके तहत, 3 एचपी के अस्थायी विद्युत कनेक्शन धारियों को 5 एचपी और 5 एचपी के कनेक्शन धारियों को 7.5 एचपी का सोलर पंप लेने का विकल्प मिलेगा। इस योजना में 7.5 एचपी क्षमता तक के सोलर पंप के लिए कृषक अंश केवल 10% रहेगा, जबकि राज्य सरकार 90% की सब्सिडी देगी। इस निर्णय से राज्य सरकार पर अनुदान का भार सीमित होगा और विद्युत वितरण कंपनियों की हानियाँ कम होंगी।

अन्य प्रमुख फैसलों में, प्रदेश के 12 जिलों में 50 बिस्तरीय और बड़वानी में 30 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों के संचालन के लिए 373 नवीन पदों और 806 मानव संसाधन सेवाओं को ऑन-कॉल पर स्वीकृत किया गया है। इन नियमित पदों पर ₹25.57 करोड़ का वार्षिक वित्तीय भार आएगा। इसके अलावा, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिकों/अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2025 का अनुमोदन किया गया है, साथ ही परिषद में नवीन पदों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी गई है। मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को भी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के संवर्ग के समान 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ देने की स्वीकृति दी गई है। मंत्रिपरिषद द्वारा सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (SIB) योजना में संशोधन की स्वीकृति दी गई, जिसके तहत आयुक्त, संस्थागत वित्त को राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का सदस्य सचिव नामित किया गया है। साथ ही, नवगठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगर-मालवा के लिए कुल 9 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई।