MP बीजेपी में परिवारवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक: नेताओं के रिश्तेदारों की छुट्टी, पार्टी में मचा हड़कंप

By : hashtagu, Last Updated : September 11, 2025 | 12:58 pm

भोपाल, मध्य प्रदेश | 11 सितंबर, 2025: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। हाल ही में घोषित 12 जिलों की कार्यकारिणी में कई दिग्गज नेताओं के रिश्तेदारों को बाहर का रास्ता दिखाकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि अब परिवारवाद की बीजेपी में कोई जगह नहीं है। इस कदम के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है और पार्टी के भीतर भी इस पर गुपचुप चर्चाएं तेज़ हैं।

बीजेपी के सख्त रुख का असर उन चेहरों पर पड़ा है जिन्हें पहले नेताओं की सिफारिश पर पद दिए गए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन, जो मंडला ज़िले की कार्यकारिणी में शामिल थीं, अब लिस्ट से बाहर कर दी गई हैं। इसी तरह कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके की बेटी को भी कार्यकारिणी से हटा दिया गया है। दोनों को पहले जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा की कार्यकारिणी में जगह मिली थी।

इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे से पार्टी ने इस्तीफा ले लिया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के संज्ञान में मामला आने के बाद लिया गया। इस कार्रवाई को संगठनात्मक अनुशासन के साथ जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन संकेत साफ हैं कि परिवारवाद की छाया से पार्टी खुद को अलग दिखाना चाहती है।

प्रदेश में कुल 60 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें से अब तक 12 की कार्यकारिणी घोषित की जा चुकी है। यानी अब भी 48 जिलों की लिस्ट आना बाकी है, और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगे और किन रिश्तेदारों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। भोपाल, इंदौर, सागर और ग्वालियर जैसे बड़े राजनीतिक केंद्रों में भी नेताओं को सतर्क कर दिया गया है।

बीजेपी का यह कदम सिर्फ संगठनात्मक सुधार नहीं, बल्कि 2028 के चुनावों की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। पार्टी अब ‘परिवारवाद-मुक्त’ छवि के साथ जनता के बीच जाना चाहती है, खासकर तब जब कांग्रेस पर अक्सर वंशवाद के आरोप लगते हैं।

हालांकि, इस फैसले से कुछ असंतोष की आवाज़ें भी भीतर ही भीतर सुनाई दे रही हैं। लेकिन हाईकमान फिलहाल अपने फैसले पर अडिग दिख रहा है।