भोपाल, 18 अप्रैल (आईएएनएस)| कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई (Madhya Pradesh unit of Congress) ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी बूथ स्तरीय समितियों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पार्टी नेताओं को बूथ समितियों के सदस्यों के रूप में शामिल करने की योजना बनाई है। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को उनके संबंधित बूथों पर समितियों के सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में एक निर्णय प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख कमलनाथ (Kamal Nath) ने लिया। 16 अप्रैल को एक अधिसूचना भी जारी की गई थी।
कमलनाथ ने कहा, यह कदम हमारे प्राथमिक स्तंभ (बूथ समितियों) को मजबूत करने और तैयार करने के लिए भी उठाया गया है। मेरा मानना है कि राष्ट्रीय नेताओं की उनकी संबंधित बूथ समितियों में भागीदारी अधिक महत्व पैदा करेगी और यह 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी।
साथ ही उन्होंने कांग्रेस के सभी नेताओं व पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की बूथ कमेटियों के सदस्य के रूप में शामिल करने का भी निर्देश दिया है।
नाथ ने 16 अप्रैल को जारी एक बयान में कहा था, पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस के मुख्य स्तंभ हैं और हम सभी पार्टी के प्राथमिक सदस्य हैं। इसलिए, हम सभी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए जवाबदेह हैं।
गौरतलब है कि राज्य कांग्रेस इकाई का शीर्ष नेतृत्व लगातार पूरे मध्य प्रदेश में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठकें कर रहा है। बूथ कमेटियों के महत्व को इस तरह समझा जा सकता है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भी बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं और पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।
अनुभवी नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह नियमित रूप से बूथ समितियों की बैठकों की अध्यक्षता करते रहे हैं। राज्यसभा सदस्य सिंह बैठकों के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा सुझाए गए बिंदुओं को नोट करते रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस द्वारा अपनी बूथ समितियों को मजबूत करने के कदम पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा : कांग्रेस अपनी बूथ समितियों को कैसे मजबूत करेगी, जब उसके पास जमीन पर कोई कार्यकर्ता नहीं है!